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उत्तर प्रदेशलखनऊ

बदले की आग में 12 वर्षीय मासूम बन गया हत्यारा

मरहूम मां और बाबा को पड़ोसी देता था गाली, बर्दाश्त न कर सका

लखनऊ। मरहूम मां और बाबा की पड़ोसी द्वारा गाली देना 12 वर्षीय मासूम बर्दाश्त नहीं कर सका। वह बदला लेने की फिराक में था। जब उसे मौका तो एक साल की दुधमुंही बच्ची की इस तरह से हत्या कर दी जिस पर सहसा विश्वास कर पाना मुश्किल है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 12 मई को एक 12 वर्षीय बच्चे ने एक वर्षीय दुधमुंही की हत्या कर राजकीय विद्यालय की पानी की टंकी में पैर में ईंट बांधकर फेंक दिया था। पुलिस बच्ची के परिजनों की शिकायत पर बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली और मामले की जांच पड़ताल करने लगी। इसी दौरान पुलिस को सैरपुर के ग्रामीणों ने बताया कि आखिरी बार बच्ची बच्चे के साथ देखी गई थी।

पुलिस ने सादे कपड़ों में जब बच्चे से पूछताछ तो उसने सनसनीखेज खुलासा किया। इस पर सहसा पुलिस को भी विश्वास नहीं हुआ। बच्चे ने पुलिस को बताया कि अक्सर बच्ची का पिता उसके बाबा और मर चुकी माँ को शराब पीकर गालियां देता था। घटना से चार दिन पहले भी बच्ची के पिता ने बच्चे के बाबा और मां को गाली दी थी और विरोध करने पर बच्चे को पीट दिया था। एक तो बाबा और मां को गाली और ऊपर से उसकी पिटाई। इसे बच्चा बर्दाश्त नहीं कर सका और अपने तरीके से इसका बदला लेने का मंसूबा बना लिया। वह मौके की ताड़ में था। उसे दो दिन पहले मौका मिल गया। गाली देने वाले की एक साल की मासूम बच्ची उसे अकेले मिल गई। उसने बच्ची की हत्याकर उसके पैर में ईंट बांधकर राजकीय कालेज की पानी की टंकी में फेंक दिया। उधर, बच्ची जब काफी देर से नहीं दिखी तो उसके परिजनों ने उसे खोजना शुरू किया और नहीं मिलने पर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन की तो हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपी बच्चे को बाल सुधार गृह में भेज दिया है।

एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के निर्देशन व एसीपी अलीगंज सैय्यद अली अब्बास के पर्यवेक्षण में इंसेक्टर अख्तियार अहमद के नेतृत्व में एसआई अशोक यादव ने कार्रवाई पूर्ण कर किशोर को भेजा बाल सुधार गृह।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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