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उप्र विधान परिषद की 13 सीटें हो रही रिक्त, होंगे चुनाव

नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन 9 जून, 20 को परिणाम घोषित होंगे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटें रिक्त हो रही हैं। इन सीटों को भरने के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं। विधान परिषद चुनाव में भाग लेने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ जून है। विधान परिषद का चुनाव परिणाम 20 जून को घोषित किए जाएंगे।

10 जून को नामांकन पत्रों की जांच और 13 जून तक नाम वापसी हो सकती है। 20 जून को वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। इसके बाद 20 जून को ही शाम पांच बजे से मतगणना की जाएगी। इसी दिन चुनाव परिणाम की घोषणा भी हो जाएगी।

विधानसभा में विधायकों की संख्या से हिसाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 9 और समाजवादी पार्टी (सपा) के पास चार सीटों को जीतने लायक बहुमत है।

सपा के 6,  भाजपा और बसपा के तीन-तीन  और कांग्रेस के एक विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इन्हीं की रिक्त हो रही सीटों के भरने के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं।

उधर भाजपा सूत्र दावा करते हैं कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सैनी, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के नाम लगभग तय हैं। कोई अप्रत्याशित बात नहीं हुई तो भाजपा इन्हें चुनाव मैदान में उतार सकती है। इनके अलावा

शतरूद्र प्रकाश, सुरेंद्र कुमार कश्यप के नाम भी भाजपा की संभावित प्रत्याशी की सूची में शामिल बताए जा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम फाइनल माना जा रहा है। मौर्य योगी सरकार एक के कार्यकाल में वरिष्ठ मंत्री थे। वर्ष 2022 में चुनाव की घोषणा होने के बाद वे अचानक भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन बुरी तरह पराजित हो गए थे। सपा अब इन्हें एमएलसी बनाकर उन्हें समायोजित करना चाहती है। सपा कोटे से सुसपा के ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को भी सपा एमएलसी बनने का मौका दे सकती है। इनके अलावा सपा की विधान परिषद टिकट के लिए सोबरन सिंह, इमरान मसूद, उदयवीर सिंह, संजय लाठर, राजपाल कश्यप रामगोविंद चौधरी भी आस लगाए बैठे हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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