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दिल्ली

भारत के 83 प्रतिशत पुरुष मांसाहारी!

शाकाहार से दूरीः मीट खाने वाले हिंदुओं की संख्या 6 साल में तेजी से बढ़ी

नई दिल्ली। नवरात्र में इस बार दक्षिणी दिल्ली के मेयर ने मीट बैन का ऐलान कर दिया। इससे पहले अहमदाबाद में भी रोडसाइड स्टॉल्स में नॉनवेज फूड नहीं बेचने का आदेश दिया गया था। बडोदरा और राजकोट के दुकानदारों को नॉनवेज आइटम को कवर करके रखने को कहा गया। इन सारी कवायद के बावजूद भारत में नॉनवेज खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे)  2019-21 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15-49 साल के 84.4 प्रतिशत पुरुष और 70.6 प्रतिशत महिलाएं नॉनवेज खाती हैं। वर्ष 2015-16 की रिपोर्ट के मुकाबले नॉनवेज खाने वाले पुरुषों की संख्या में पांच फीसद और महिलाओं की संख्या में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 8 प्रतिशत पुरूष रोजाना तो लगभग 50 प्रतिशत सप्ताह में एक बार और 26 प्रतिशत कभी-कभी मांस खा लेते है। वहीं 5.9 प्रतिशत महिलाएं रोज और 39.3 प्रतिशत सप्ताह में एक बार तो 25.4 प्रतिशत कभी-कभी खाती हैं। गांव की तुलना में शहरों में मांसाहार खाने वाले अधिक है।

वहीं धर्म के आधार पर देखें तो क्रिश्चियन (ईसाई) में 2015-16 से 2019-21 के बीच 5 प्रतिशत, मुस्लिमों में 5 प्रतिशत (लगभग), बौद्ध में 12 प्रतिशत, हिन्दू में 5 प्रतिशत, सिखों में 6 प्रतिशत, जैन में 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि अन्य में 12 प्रतिशत की कमी आई है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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