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उप्र कैबिनेट के फैसले: पुराने महलों, हवेलियों में खोले जा सकेंगे हेरिटेज होटल

- सबसे बड़ा बजट लाने के छह माह में ही योगी सरकार अब लाएगी अनुपूरक बजट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की नई पर्यटन और नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति-2020 में संशोधन की मंजूरी दे दी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से आहूत करने और इस सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। राज्य सरकार करीब छह महीने पहले ही राज्य का सबसे बड़ा 6,15,518.97 करोड़ रुपये (6 लाख 15 हजार 518 करोड़, 97 लाख) का बजट पेश किया था। ऐसे में अब अनुपूरक बजट लाने संबंधित सरकार के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने दी फैसले की जानकारी

कैबिनेट के फैसलों की मीडिया कर्मियों को जानकारी दे रहे राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी अनुपूरक बजट लाने के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने बताया कि कैबिनेट के समक्ष रखे गए कुल प्रस्तावों में 24 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। वित्तमंत्री के अनुसार, कैबिनेट में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय पर्यटन विभाग के दृष्टिगत लिया गया हैं। इसके तहत राज्य की नई पर्यटन नीति को मंजूरी देते हुए पुराने महलों को हेरिटेज होटल में बदलने का रास्ता साफ कर दिया गया है। अब सरकार की मदद से पुराने महलों और पुरानी हवेलियों को हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीस वर्षों से राज्य की कई सरकारों ने पुराने महलों को हेरिटेज होटल में बदलने का प्रयास किया पर वह सफल नहीं हो सकीं। अब योगी सरकार ने भी इसे लेकर पहल की है। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ बेहद जरूरी कदम उठाए गए हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले पुराने घरों को विलेज स्टे योजना के तहत मदद की जाएगी। इससे इच्छुक लोग अपने मकानों को होटल, लाज के तौर पर विकसित कर सकेंगे। नई पर्यटन नीति में बजट होटल, स्टाफ होटल, हेरिटेज होटल, कारवां टूरिज्म, वेलनेस सेंटर तथा वाइल्ड लाइफ और इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा।

22 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन

वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि राज्य में नई सोलर नीति के तहत आने वाले 5 वर्षों में 22000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। सोलर पार्क की स्थापना के लिए सार्वजनिक भूमि एक एकड़ की दर से लीज पर दी जाएगी। पुराणी सोलर नीति के तहत बिजली उत्पादन के लक्ष्य को किया पूरा किया गया, इस सवाल का जवाब वित्त मंत्री खन्ना नहीं दे सके। लेकिन उनका यह दावा है कि कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी सेवा नीति-2023 निर्गत किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी देकर आईटी कारोबार को रफ्तार प्रदान किया गया है। अब जल्दी ही उत्तर प्रदेश आईटी मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन जाएगा। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020 के संशोधन के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से यह संभव होगा।

इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

– राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सत्र तीन दिन का होगा।

– हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्राफ्ट सर्किट बनाया जाएगा।

– उच्च न्यायालय में ट्रेनी क्लर्क का कार्यकाल एक से बढ़ाकर दो साल किया गया है।

– संजय गांधी पीजीआई में क्रिटिकल केयर के 12 बेड जोड़े जाने को मंजूरी दी गई।

– अनुप्रयोगी वाहन को नीलाम कर उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के लिए वाहनों की व्यवस्था की जाएगी।

– हरित विश्वविद्यालय गाजियाबाद और महावीर विश्वविद्यालय मेरठ को आशय पत्र जारी करने की मंजूरी मिल गई है।

– शक्ति पीठ सर्किट बनाया जाएगा।

– स्वतंत्रता संग्राम सर्किट बनाया जाएगा।

– रामपुर में नगर विकास विभाग के ट्रेनिंग सेंटर को एटीएस के ट्रेनिंग सेंटर के लिए दिया गया।

– सहारनपुर जिले में सिंचाई विभाग की भूमि एटीएस के सेंटर के लिए निशुल्क देने मंजूरी दी गई।

– मवेशियों का इलाज उनके पास आकर मोबाइल अस्पताल के चिकित्सक करेंगे।

– उप्र में पांच कंपनियां चलाएंगी मोबाइल पशु चिकित्सालय, दरवाजे पर पहुंचेगी मोबाइल वेटनरी यूनिट।

– उत्तर प्रदेश फायर एंड इमर्जेंसी सर्विस अध्यादेश-2022 को प्रख्यापित कराए जाने संबंधी प्रस्ताव पास किया गया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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