जानकारीः जीएसटी अधिनियम से आपराधिक क़ानून हटाने की प्रक्रिया जारी
कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (दिल्ली- एनसीआर) के संयोजक ने दी जानकारी, कुछ नियमों को घोषित कर दिया गया है गैर अपराध
नोएडा। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (दिल्ली- एनसीआर) के संयोजक सुशील कुमार जैन ने जानकारी दी है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) अधिनियम से आपराधिक क़ानून हटाने की मांग पर अमल हो रहा है। कुछ को हटा दिया गया है और कुछ पर प्रकिया जारी है।
व्यापार की सुविधा के लिए कई उठाए जा रहे
यहां जारी एक बयान में व्यापारी नेता जैन ने कहा कि कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा पिछले काफ़ी समय से किए जा रहे प्रयासों के बाद अब केंद्र सरकार जीएसटी के क़ानून में उन आपराधिक धाराओं की हटाने के बारे में विचार कर रही है जो जीएसटी के अतिरिक्त अन्य क़ानूनों में पहले से ही मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के व्यापार और व्यापारियों के बीच ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा दिए जाने के आह्वान के बाद सरकार द्वारा सुविधापूर्वक व्यापार करने की दिशा में अनेक प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अभी हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की पहल पर लीगल मेट्रोलॉजी क़ानून पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था जिसके सदस्य प्रवीन खंडेलवाल भी हैं। समिति ने पिछले दिनों हुई अपनी बैठकों में लीगल मेट्रोलॉजी नियमों में से आपराधिक धाराओं को समाप्त करने का निर्णय लिया है और इस दिशा में कदम उठाते हुए कुछ नियमों को ग़ैर आपराधिक बना दिया है और बाक़ी नियमों पर काम चल रहा है।
सरकार ने मजबूत किया टेक्नोलॉजी सिस्टम
उन्होंने कहा कि इन छूटों को देखते हुए कोई भी यदि क़ानून एवं नियमों से खिलवाड़ करेगा तो सरकार ने पहले ही उससे निपटने के लिए अपनी सिस्टम को टेक्नोलॉजी के द्वारा मज़बूत कर लिया है और ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कारवाई होगी।
व्यापारियों को भी बदलाव लाना होगा
उन्होंने कहा की व्यापारियों को भी अब अपने काम करने के तौर तरीक़ों में बदलाव लाना होगा और टेक्नोलॉजी का ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग व्यापार में करना होगा। भविष्य का व्यापार केवल तीन चीज़ों पर निर्भर होगा, टेक्नोलॉजी, इंटरनेट कनेक्शन तथा मज़बूत लॉजिस्टिक यानी डिलीवरी सेवा। इन्हें ही व्यापार का आधार मानकर अब व्यापारियों को अपने व्यापार की संरचना करनी होगी।
अनेक के बजाय एक ही लाइसेंस हो
उन्होंने कहा कि व्यापार करने में अनेक प्रकार के लाइसेंस के स्थान पर केवल एक लाइसेंस, व्यापार पर लगे। सभी क़ानूनों की फिर से समीक्षा, व्यापारियों को कम ब्याज दर पर बैंकों से आसानी से लोन आदि विषयों को कैट ने केंद्र सरकार के साथ उठाया हुआ है और उम्मीद है की जल्द ही इन पर सार्थक निर्णय होंगे।