रेमडिसिविर इंजेक्शन केवल गंभीर मरीजों को ही दिया जाएगा-एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया
निदेशक डॉ गुलेरिया ने शुक्रवार देर रात हुई कोविड समीक्षा बैठक में लिए अहम फैसले।
दिल्ली : कोरोनावायरस के चलते अस्पतालों में अपर्याप्त संसाधनों को जुटाना काफी मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों में कमी भी देखी जा रही है। ऐसे में दिल्ली AIIMS अस्पताल के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में गुरुवार देर शाम हुई को कोविड समीक्षा बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए। स्टाफ की कमी के चलते कोरोनावायरस के संक्रमित के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों की जांच बंद करने पर रोक लगाई गई। बैठक के बाद नए प्रोटोकॉल में रेमडिसिविर इंजेक्शन को लेकर भी फैसला लिया गया ।
ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होने पर ही आईसीयू में किया जाएगा भर्ती
गुलेरिया ने कहा कि कम गंभीर बीमारियों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में रेमडिसिविर दवा प्रयोग नहीं की जाएगी। ऐसे मरीजों के इलाज में इनहेलेशनल बुडेसोनाइड का इस्तेमाल किया जाएगा। नए प्रोटोकॉल में कहा गया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग मरीज की हालत के अनुसार किया जाएगा। इस इंजेक्शन का उपयोग डॉक्टर केवल इमरजेंसी में ही उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि गंभीर कोरोना मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम एवं स्वास्थ्य के प्रति मिनट 30 के ऊपर होगी केवल उन्हें ही आईसीयू में भर्ती किया जाएगा।
नए प्रोटोकॉल के तहत बनाई गई मरीजों की तीन श्रेणियां
बैठक में नए प्रोटोकॉल के तहत कोरोनावायरस मरीजों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। हल्के रोगों वाले, कम गंभीर रोगों वाले व गंभीर रोगों वाले कोरोना संक्रमित मरीज। इन श्रेणियों के तहत हल्के रोगों वाले मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज होगा। यदि ऐसे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत ,5 दिन से अधिक बुखार या फिर ऑक्सीजन संतृप्ति में बदलाव होता है तो ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सीय सुविधा दी जाएगी।
सीमित संसाधनों की वजह से यह लिया गया निर्णय
दरअसल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों डॉक्टरों के संक्रमित होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने संक्रमितों के संपर्क में आए अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की जांच शुरू की थी, लेकिन शुक्रवार से इस अभियान को रोक दिया गया।बैठक में लिए गए फैसलों के तहत केवल लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मियों की ही पहचान कर उनकी जांच की जाएगी और उनकी जांच रिपोर्ट में कोरोनावायरस की पुष्टि होगी उन्हें ही क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा ।अस्पताल का कहना है कि सीमित संसाधनों की वजह से यह निर्णय लिया गया है ।