टकरावः बड़े बिल्डरों से बकाया वसूली के मुद्दे पर नोएडा विकास प्राधिकरण और प्रशासन आमने-सामने
जिला प्रशासन ने बिल्डरों से वसूली के लिए भेजी गई आरसी को वापस की, कहा, खुद वसूली में सक्षम
नोएडा। बड़े बिल्डरों से बकाया वसूली के मुद्दे पर जिला प्रशासन और नोएडा विकास प्राधिकरण आमने-सामने आ गए हैं। नोएडा विकास प्राधिकरण ने अपने बड़े बिल्डरों पर बकाया करीब दस हजार करोड़ रुपये की वसूली के लिए जिला प्रशासन को आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) भेजा था। इसे जिला प्रशासन ने यह कहकर वापस कर दिया है कि नोएडा विकास प्राधिकरण अपनी बकाया वसूली के खुद सक्षम है। उसके पास सारी शक्तियां वह बिल्डरों से खुद बकाये की वसूली करे।
नियम से हटकर आरसी भेजने का आरोप
जिला प्रशासन का आरोप है कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने जो आरसी जिला प्रशासन को भेजा था वह नियमों से हटकर है। उधर जिला प्रशासन का कहना है कि बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने की सारी शक्तियां नोएडा विकास प्राधिकरण के पास है। जब उसके पास वसूली की शक्ति है तो वह जिला प्रशासन को वसूली के लिए क्यों आरसी भेज दी। नोएडा विकास प्राधिकरण को नियमों की याद दिलाते हुए कहा गया है कि वह खुद कार्यवाही करे और बकायेदार बिल्डरों को आबंटित भूमि का लीज निरस्त करे।
क्या है मामला
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नोएडा विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों से अपने बकायों की वसूली के लिए पहले नोटिस देना शुरू किया था। 75 से अधिक बिल्डर परियोजनाओं की बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी हुई थी। बिल्डरों करीब 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि कुल बकाया करीब 13 हजार करोड़ रुपये बताया जाता है। लेकिन इनमें तीन हजार करोड़ रुपये एनसीएलटी में मामलों चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के तहत बिल्डरों को 15 दिनों का समय दिया गया था। 15 दिन में बकाया जमा नहीं होने पर आरसी जारी की गई थी। जिन्हें जिला प्रशासन को भिजवाया गया था।