सीएम योगी ने कोरोना संबंधित तैयारियों का किया जिक्र, मीडिया से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा
भय और दहशत का माहौल बनाने वालों को चिन्हित करने की जरूरत है
यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोनावायरस के दौरान तैयारियों और प्रयासों को लेकर सभी मीडिया संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों को पत्र लिखकर अफवाह को लेकर लोगों को जागरूक करने की अपील की है।सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना को हराने के लिए पहले से बेहतर तैयारियां हैं। कालाबाजारी और जमाखोरी की वजह से सुविधाओं की समस्याएं सामने आ रही है।
चौपाई के माध्यम से कही यह बात
सीएम ने रामचरितमानस की एक चौपाई “धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी ।।” का जिक्र करते हुए कहा कि, एक आपदा काल है महामारी है। इसे सामान्य वायरल फीवर मान लेना एक बड़ी भूल होगी। उदाहरण देते हुए लिखा कि मैं खुद इसकी चपेट में आने के बाद 13 अप्रैल से आइसोलेशन में रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं।उन्होंने आगे पत्र में लिखा कि दूसरी लहर पहली लहर से 30 गुना संक्रामक है। इसलिए उत्तर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करते हुए हमें यहां की व्यापक आबादी और जनसंख्या की विविधता को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।राज्य सरकार द्वारा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
पिछले लॉक डाउन का किया जिक्र
उन्होंने कहा सरकार की तैयारी पहले से बेहतर है ।पिछले दिनों दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा हुई तो करीब एक से डेढ़ लाख प्रवासी श्रमिकों का आगमन हुआ हमने बसों की व्यवस्था की, सभी का टेस्ट कराया और आवश्यकता अनुसार क्वॉरेंटाइन किया इस सारी कार्यवाही त्वरित थीं।
18 सहित 39 नए ऑक्सीजन प्लांट की तैयारी
व्यवस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था कर ली गई है। निजी संस्थानों में इस व्यवस्था का अभाव था।डीआरडीओ की नवीनतम तकनीक आधारित 18 प्लांट सहित 39 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम हो रहा है। जब अचानक बेड बढ़ाने पड़े तो कुछ समस्या जरूर हुई, लेकिन तेजी के साथ उस अभाव की भी पूरी कर ली गई।
ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त है, कालाबाजारी है बड़ी समस्या।
सीएम योगी ने कहा कि निजी व सरकारी किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है। समस्या कालाबाजारी की है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि दो दिन पहले एक निजी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना सार्वजनिक कर दी गई। जांच करने पर पता चला कि ऑक्सीजन पर्याप्त है।ऐसे लोगों के कारण भी समस्याएं बढ़ रहा है जिन्हें जरूरत नहीं है ,वह भी ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए परेशान हैं। मीडिया जगत को ऐसे लोगों के बारे में जनता को बताना चाहिए ।लोगों को जागरूक करने की जरूरत है हम ऑक्सीजन की प्रॉपर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।ऑक्सीजन कम नहीं है बशर्ते केवल जरूरतमंद ही इसका इस्तेमाल करें । हर संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। इस जागरूकता को बढ़ाने में मीडिया सहयोग करें।
दवाई कि नहीं है कमी
मुख्यमंत्री ने दवाओं का जिक्र करते हुए कहा , “रीमेडिसिविर व कोरोना संबंधित अन्य दवाओं का अभाव नहीं है। मांग की जरूरत के अनुसार हमने अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाया। लेकिन भय के आवेश में लोग इस इंजेक्शन की मांग करने लगे। लोगों को चिकित्सीय जरूरतों को समझना होगा।”
यूपी में हुई सबसे ज्यादा टेस्टिंग।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में जहां एक ओर संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आ रही है ।उससे कहीं ज्यादा लोग ठीक भी हो रहे हैं। कोविड की पहली लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है। बीते वर्ष फरवरी में जब पहला केस प्रदेश में आया था तब हमारे पास कोई संसाधन नहीं थे ।पहले दिन मात्र 72 टेस्ट हो सके थे।लेकिन आज हर दिन सवा दो लाख टेस्ट हो रहे हैं।हर प्रयोगशाला को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं ।10 मई तक हमारी टेस्टिंग कैपिसिटी आज की तुलना में दोगुनी हो जाएगी ।उत्तर प्रदेश पहला राज्य है ,जहां 4 करोड टेस्टिंग किए गए ,जो हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का बड़ा प्रमाण है।
मीडिया से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर एक संदेश अलग-अलग अकाउंट से प्रसारित किया जा रहा है। ऐसे लोगों को चिन्हित किए जाने की जरूरत है। कोविड की पिछली लहर के समय मीडिया की ओर से सकारात्मक सहयोग मिला। उस समय मीडिया ने लोगों को जागरूक और शिक्षित करने की दिशा में बेहतर कार्य किया। स्वस्थ हो रहे लोगों के बारे में भी मीडिया ने बताया जिससे समाज में एक सकारात्मक संदेश गया। इस बार भी हम मीडिया से इसी तरह की भूमिका की अपेक्षा करते हैं।