तुगलकी फरमानः अविवाहित हैं तो इस सोसायटी में नहीं मिलेगा किराये का घर
किस सोसायटी ने जारी किया है यह फरमान, क्यों नहीं मिलेगा अविवाहित युवाओं को किराये का मकान, सोसायटी के लोग दो खेमों में बंटे
नोएडा। नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट सोसायटी में अविवाहित युवक और युवतियों को रहने के लिए किराये का फ्लैट मिलेगा। जो लोग पहले से रह रहे हैं उन्हें भी इस महीने की अंतिम तारीख यानि 31 दिसंबर तक फ्लैट खाली करने का फरमान जारी किया गया है।
किसने जारी किया फरमान
सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट सोसायटी आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया की ओर से यह फरमान जारी किया गया है। जारी फरमान में कहा गया है कि जितने भी अविवाहित युवक-युवतियों सोसायटी में रहते हैं वे 31 दिसंबर तक फ्लैट खाली कर दें। एमेरल्ड कोर्ट सोसायटी आरडब्ल्यूए की ओर से बीते 15 नवंबर को ई-मेल जारी कर कहा गया है कि सोसाइटी में जितने भी अविवाहित युवक युक्तियां रह रहे हैं वह नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसलिए सोसायटी में पेइंग गेस्ट रखने और छात्र-छात्राओं को सामूहिक रूप से फ्लैट देने पर रोक लगा दी गई है। आरोप यह भी लगाया है कि कुछ फ्लैटों में आपत्तिजनक गतिविधियां चल रही हैं लेकिन आपत्तिजनक गतिविधियां क्या हैं और किन फ्लैटों में चल रहे हैं इसकी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
सोसायटी के लोग दो खेमों में बंटे
आरडब्ल्यूए की ओर से इस तरह के फरमान जारी होते ही सोसायटी के लोग दो खेमों में बंट गए हैं। कुछ लोग इस फरमान के पक्ष में हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में हैं। जो लोग फरमान के पक्ष में हैं उनका कहना है कि अविवाहित युवक और युवतियां अपनी मनमानी करते हैं। तेज आवाज में गाने बजाना, आए दिन पार्टी के नाम पर उड़दंग मचाना, शराब पीकर आपस में लड़ना-झगड़ना आदि ऐसे मामले में जिनसे सोसायटी के लोग काफी परेशान हैं। उन्हें अपने पड़ोसियों या सोसायटी के लोगों के जीवन में खलल डालना आम बात है। ऐसे अविवाहितों को फ्लैट नहीं दिया जाना चाहिए।
जो लोग इस फरमान के विरोध में हैं उनका तर्क है कि आखिर अविवाहित युवक युवतियां यहां पढ़ने, रोजगार करने और उसकी तलाश में आए हैं। ऐसे लोगों का जीवन संघर्षपूर्ण होता है। अगर सभी सोसायटियां ऐसे ही फरमान जारी करने लगे तो ऐसे लोग कहां जाएंगे। हो सकता है कुछ अविवाहितों की गतिविधियों से लोगों के जीवन में खलल पड़ता हो, ऐसे लोगों को समझाया जा सकता है। उन्हें ऐसा करने से मना किया जा सकता है या फिर उन्हें इंगित कर उन्हें सोसायटी से बाहर किया जा सकता है। सभी को एक ही डंडे से हांकना उचित नहीं है।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
आरडब्ल्यूए के फरमान को महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। वह सोसायटी के ई-मेल का अध्ययन कर रही है। जल्दी ही इस मामले में संबंधित पदाधिकारी को नोटिस जारी किया जाएगा। उधर, जिला प्रशासन ने भी इस मामले में जानकारी तलब की है।