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केवल योग के बल पर 93 वर्ष के बुजुर्ग ने कोरोना को दी मात,लोगों के लिए बने एक मिशाल।

कोरोना से बचने के लिए योग को गुरु बाबा रामदेव बता रहे हैं रामबाण इलाज

उत्तर प्रदेश : अगर आप से पूछा जाए कि वह कौन सा माध्यम है। जिसके जरिए हम खुद को खुश रख सकते हैं,मन को शांत, और ‌शरीर को फुर्तीला‌ बना सकते हैं। जिसमें ना किसी तरह का खर्च और ना तो कहीं आना जाना। इसका जवाब शायद हर किसी के पास ना हो लेकिन उस व्यक्ति के पास जरूर होगा,जो हर सुबह उठकर अपने पूरे समय का कुछ हिस्सा योग‌ व‌ प्राणायाम के लिए देता है। जी हां योग हमारे शरीर मन भावना एवं ऊर्जा के स्तर पर काम करता है। इसकी वजह से मोटे तौर पर योग को चार भागों में बांटा गया है। कर्मयोग जहां हम अपने शरीर का उपयोग करते हैं, भक्ति योग जहां हम अपनी भावनाओं का उपयोग करते हैं ,ज्ञान योग जहां हम मन एवं बुद्धि का प्रयोग करते हैं,और क्रिया योग जहां हम अपने ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

 

नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन ने किया यह शोध
योग से जुड़े ग्रंथों के अनुसार योग करने से व्यक्ति की चेतना ब्रह्मांड की चेतना से जुड़ जाती हैं। इसके अलावा गंभीर से गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करती है। योग व प्राणायाम हमारे शरीर को फुर्तीला‌ तो बनाता ही है साथ ही वह चीज भी हमें मिलती है जो हर व्यक्ति अपने जीवन में चाहता है यानी खुशी ,आनंद और शांति। अब आप सोंच रहे होंगे कि योग‌‌ व प्राणायाम के बारे में क्यों बताया जा रहा है?
देश में फैले कोरोना संक्रमण ने लोगों को पूरी तरह से लाचार और कमजोर बना दिया है। यह संक्रमण कब, किसी को अपना शिकार बना ले और उसको मौत के घाट उतार दे, इसका कोई भरोसा नहीं। देश का हर व्यक्ति इस समय बस एक ही चीज खोज रहा है, वह है इससे बचने का उपाय। यह संक्रमण इतना खतरनाक हो चुका है, कि अब न तो कोरोना वैक्सीन काम कर रही है ना ही दवाईयां। लेकिन योग एक्सपर्ट के अलावा गुरु बाबा रामदेव संक्रमण से बचने के लिए प्राणायाम व योग करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने योगा को ”रामबाण ” इलाज बताया है। क्योंकि इसके द्वारा शरीर से कोरोना को समाप्त किया जा सकता है। ज्यादातर कोरोना उन लोगों को जल्दी अपना शिकार बनाता है, जिनकी इम्यून पावर बहुत कमजोर होती है। आमतौर पर होने वाले संक्रमण में भी अगर किसी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर होती है ,तो वह जल्दी बीमार हो जाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के द्वारा किए गए एक विस्तृत शोध में बताया गया है कि प्राणायाम के जरिए इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। योग दिवस को अब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के साथ‌ जोड़ा जा चुका है।

 

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद योग को बनाया आधार
योग करने से कोरोना संक्रमण को मात दिया जा सकता है, इसका एक जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश से देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद जिले के वैशाली सेक्टर 3 में जयचंद अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके बेटे महीम जैन ने बताया कि उनके पिता की तबीयत खराब थी। गत 5 अप्रैल को कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तबीयत ज्यादा खराब होने पर 14 अप्रैल को पिता को वैशाली सेक्टर 4 स्थिति चंद्र लक्ष्मी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत इतनी बिगड़ गई कि जयचंद के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर तक पहुंच गया। जैन ने बताया कि उनके पिता को पहले डॉक्टरों ने ऑक्सीजन दी उसके बाद उनके पिता ने नियमित योग किया और चेस्ट की एक्सरसाइज की जिसकी वजह से वह स्वस्थ होते गए
अनुशासन और नियमित योग से उनके पिता ने कोरोना को मात दी।

जयचंद बने लोगों के लिए मिशाल
पूरी तरह से ठीक होकर जब रविवार को अस्पताल से घर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। जयचंद ने 93 साल की उम्र में भी कोरोनावायरस को मात दी। इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। इतनी उम्र में महज योग के बल पर कोरोना को मात देने की खबर की वजह हर कोई उन्हें एक मिसाल बता रहा है। इस उदाहरण को जानने के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों के अलावा अब हर व्यक्ति योगा और प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। जो देश से करोना जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करेगा।

मधुमिता वर्मा

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