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मीडिया जगत ने खोया एक ऐसा हीरा,जिसकी चमक थी पूरे देश में।

सामाजिक मुद्दे उठाते थे ,रोहित सरदाना ,कई अवार्ड किये अपने नाम

लखनऊ : मीडिया जगत से एक बेहद दुःखद ख़बर सामने आ रही है। मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना की कोरोना से मौत हो गई है।वे क़रीब 40 साल के थे। बताया जा रहा है कि आज (30 अप्रैल) सुबह हार्टअटैक आने की वजह से उनका निधन हो गया। कुछ दिन पहले रोहित कोरोना संक्रमित भी हो गए थे, लेकिन बाद में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। रोहित सरदाना ने 24 अप्रैल को ट्वीट कर बताया था कि वो सीटी स्कैन में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं थे। रोहित सरदाना के निधन पर पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों ने शोक जाहिर किया है। सोशल मीडिया में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। रोहित सरदाना एक भारतीय पत्रकार,एडिटर,कोलोम्निस्ट, न्यूज़ एंकर और मीडिया की जानीमानी हस्ती थे।वर्ष 2004 में उन्होंने जी न्यूज़ में काम किया। वर्तमान में आज तक का हिस्सा थे। जहां वे दंगल नामक बाद विबाद शो को होस्ट कर रहे थे।जिसमे वे समाजिक मुद्दों को उठाते थे।

जन्म और एजुकेशन
सरदाना का जन्म हरियाणा में हुआ था। अपनी 12वीं तक की शिक्षा गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र, हरियाणा, भारत से पूरी की बाद में इन्होने सायकोलोजी से अपनी स्नातक पूर्ण की। पत्रकारिता क्षेत्र में रूचि होने के कारण उन्होंने 2000 से 2002 में इन्होने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री मास कम्युनिकेशन में और अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार से पूरी की।

सरदाना के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें
.रोहित हरियाणवी होने की वजह से एडवाइस दी गयी की वो अपनी हरियाणवी का बिलकुल भी टच अपनी एंकरिंग में न आने दे।

. इन्होने अपने पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान कुछ न्यूज़ पेपर्स के लिए आर्टिकल्स, लेटर्स भी लिखे।

. मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई के दौरान जब उनके टीचर ने सभी से पूछा की जर्नलिस्म में आप क्या करेंगे? तो सभी ने अलग -अलग जवाब दिए लेकिन रोहित का जवाब कुछ अलग था इन्होने साफ जवाब देते हुए कहा की मैं टीवी पे आना चाहता हूँ।

. उन्होंने दिल्ली में ETV नेटवर्क में अपनी इंटर्नशिप के लिए गए जहां उन्हें जॉब ऑफर की गयी लेकिन आखिरी सेमस्टर बचा था,इसलिए सरदाना ने टीचर से जॉब के लिए सहायता मांगी।

. जब रोहित एक बार हैदराबाद में पब्लिक को सम्बोधित कर रहे थे। तब इन्हे इस बात का ज्ञान नहीं था की वहां ज्यादातर लोग दक्षिण भारत के थे। और उन्हें हिंदी नहीं आती थी ,तब इनका आकाशवाणी का अनुभव काम कर गया।

.उन्होंने वीडियो टोस्टर एडिटर की जॉब की जिसमें इन्हे जैपनीज़ लोग ट्रेनिंग देते थे और ये ट्रेनिंग लगभग 5 महीने चली।

 . जिस चैनल में ये काम करते थे वो लोग एक गुजराती इलेक्शन के दौरान रोज की न्यूज़ तुरंत के तुरंत उनके सारे 11 चैनल पे चाहते थे जिसके लिए इन्होने गुजराती सीखी और अपने चैनल का सपना पूरा किया वो भी केवल दो दिन में।

 

बता दें कि रोहित सरदाना अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी पत्नी और छोटी सी बेटी के साथ तस्वीरें शेयर करते थे। वो एक आस्थावान व्यक्ति थे, जो नवरात्रि के व्रत के दौरान खासे सक्रिय रहते थे और ‘कन्या पूजन’ व अन्य प्रक्रियाओं को पूरा कर लोगों को इसके बारे में जानकारी देते रहते थे। संक्रमित होने के बावजूद वे सोशल मीडिया पर लोगों की मदद के लिए उनके डिटेल्स पोस्ट कर रहे थे और कोरोना से जुड़ी खबरें शेयर कर रहे थे।

रोहित सरदाना के पुरुस्कार और सफलताएं
सरदाना ने  अपने जीवन काल में पत्रकारिता के तौर पर काफी कुछ अच्छा किया है ,जिसके लिए उन्हें कई आवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है। जिसमें ”सैन्सुई बेस्ट न्यूज़ प्रोग्राम अवार्ड”, ”बेस्ट न्यूज़ एंकर अवार्ड” दिल्ली एजुकेशन सोसाइटी के द्वारा, ”माधव ज्योति सम्मान” इनके अच्छे काम के लिए व गणेश विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

 

मधुमिता वर्मा

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