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मजबूरीः देविका गोल्ड होम्स सोसाइटी के निवासी कूड़े के ढेर के बीच रहने को मजबूर

बिल्डर व स्टाफ स्टेट मैनेजर पर लोगों ने लगाए लापरवाही के आरोप, कहा-इससे बढ़ रही समस्याएं

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। ग्रेटर नोएडा स्थित देविका गोल्ड होम्स सोसाइटी के निवासी कूड़ों के ढेर के बीच रहने के लिए मजबूर हैं। इस सोसायटी के निवासी बिल्डर और उसके स्टाफ स्टेट मैनेजर यतेंद्र ठाकुर घोर लापरवाही और उपेक्षा करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि यही कारण है कि दिनोंदिन समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं।

महीनों से नहीं मिला वेतन

नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि रविवार से हाउस कीपिंग स्टाफ पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिलन के कारण हड़ताल पर चला गया है। इससे सोसाइटी में जहां-तहां कूड़े का ढेर लगा हुआ है।

बीमारियों का बढ़ा खतरा

उन्होंने कहा कि मौसम तेजी से बदल रहा है। इधर होली का त्योहार भी है। गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस आशंका से यहां के निवासी परेशान और भयभीत हो गए हैं। इससे पहले सोसाइटी के सुरक्षा गार्ड भी हड़ताल पर चले गए थे। अभी तक सुरक्षा की व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है। लोग वैसे ही असुरक्षित महसूस कर रहे थे कि अब गंदगी फैलने से बीमारी का खतरा भी मडराने लगा है। न तो यहां के निवासियों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण सुन रहा है और न ही कोई कार्यवाही ही कर रहा है।

स्टाफ से शिकायत

सोसाइटी के निवासी प्रवीन सिंह, आशीष कुलकर्णी,  मुकुल मिश्र, आनंद सिंह आदि ने कहा कि स्टेट मैनेजर आता ही नहीं है न ही मेंटेनेंस ऑफिस में कोई स्टाफ रहता है। यह हम लोगों से नियमित पैसा ले रहा है लेकिन आगे स्टाफ को पैसे नहीं देता इसलिए भारी समस्या उत्पन्न ही रही है। यही हाल रहा तो सोसाइटी के लोग बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

शिकायत का कोई असर नहीं

नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया मूलभूत सुविधाओं से अधिकतर सोसाइटी निवासी परेशान हैं। बिल्डरों के खिलाफ शिकायत का कोई असर नहीं होता है। पीड़ित निवासियों की कही सुनवाई नही हो रही है। देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी में पिछले कई वर्षों से मूलभूत सुविधाओं की समस्या चल रही है। बिल्डर ने निवासियों को ठगने का कार्य किया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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