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उगाही का आरोपः किसानों ने किया डीसीपी कार्यालय पर प्रदर्शन, छुटकारा दिलाने की मांग

किसानों का कहना है उनके भूसे की बुग्गी दादरी कस्बे में रोक ली जाती है और पांच फीसद की दर से की जाती है वसूली

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के भूसा बेचने वाले किसानों ने आरोप लगाया कि उनसे भूसा बेचने पर पांच फीसद की दर से जबरन उगाही की रही है। इस उगाही से निजाद दिलाने की मांग को लेकर किसानों ने ग्रेटर नोएडा के डीसीपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पुलिस अधिकारियों ने उनकी शिकायत पर ठोस कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।

सख्त कार्रवाई की मांग

विभिन्न गांवों के भूसा बेचने वाले सैकड़ों किसान अपने ग्राम प्रधान के साथ डीसीपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने जबरन उगाही करने वाले लोगों की शिकायत की और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। किसानों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अवैध उगाही करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई इसलिए भी होनी चाहिए ताकि वे अपना भूसा आसानी से बिना किसी अवैध वसूली के बेंच सकें।

क्या कहते हैं किसान

नूरपुर गांव क नफीस प्रधान, भूसा विक्रेता सतीश, किसान नेता इरशाद राणा आदि का कहना है कि पिछले कई वर्षों से उनसे जबरन अवैध उगाही की जा रही है। जब इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है। इससे परेशान होकर इन दबंगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं। शिकायत मिलने के बाद अब पुलिस अधिकारी ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई का उन्हें भरोसा दिलाया है।

दादरी में रोक लिए जाते हैं

ग्रेटर नोएडा डीसीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि जब वे अपना भूसा बेचने के लिए बाजार ले जाते हैं तो दादरी में कुछ दबंग उनकी भूसा से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा बुग्गी को जबरन रोक लेते हैं। फिर उनसे पूरे माल में से पांच फीसद की अवैध उगाही की जाती है। इसके चलते वह अपने सामान की सही कीमत पर नहीं बेच भी नहीं पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर वह अपने इस उसके सामान को दादरी के अलावा दूसरी जगह बेचने जाते हैं तो रास्ते में ही उनको जबरन रोक लिया जाता है और बंदूक के दम पर उन्हें धमकी दी जाती है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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