कैदी नंबर 17052: साबरमती जेल ने अतीक को अलॉट किया कैदी का बिल्ला
सजायाफ्ता कैदियों वाला लिबास भी दिया गया, जेल में कड़ी मेहनत करनी होगी माफिया अतीक को
नोएडा। बसपा के तत्कालीन विधायक रहे राजू पाल की हत्या के पुलिस के चश्मदीद गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए बाहुबली पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद अब कैदी नंबर 17052 से जाना जाएगा। अतीक को जेल प्रशासन ने कैदी नंबर का बिल्ला अलॉट किया है।
प्रयागराज से साबरमती जेल में ले जाया गया
माफिया बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद विभिन्न आरोपों में गुजरात राज्य के अहमदाबाद जेल में था। उसे उमेश पाल के अपहरण मामले में यहां उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायालय में पिछले दिनों पेश किया गया था। अदालत ने सुनवाई के बाद अतीक और उसके दो करीबियों को उमेश पाल के अपहरण का दोषी पाया। विशेष अदालत ने उसे और उसके दोनों करीबियों को आजीवन कारावास की सजा और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा दी है। जुर्माने की यह धनराशि पीड़ित के परिजनों को दी जाएगी। सजा मिलने के बाद के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उसे गुजरात के साबरमती जेल में स्थानांतरित कर दिया। वह इसी जेल में सजा काट रहा है। अदालत ने उमेश पाल के अपहरण मामले से उसके भाई अशरफ को दोषमुक्त करार दिया था।
कैदी का लिबास भी मिला
साबरमती जेल प्रशासन ने न सिर्फ अतीक को कैदी नंबर का बिल्ला अलॉट किया है बल्कि उसे सजायाफ्ता वाला कैदियों वाला लिबास भी दे दिया गया है। उसे घर के कपड़ों को छोड़कर कैदी का लिबास पहना दिया गया है। अतीक को जेल मैन्युअल के अनुसार काम भी करना होगा। यह काम किस प्रकार का होगा, अभी जेल प्रशासन ने नहीं बताया है लेकिन जल्दी ही उसे काम अलॉट कर उसे करने के लिए कहा जाएगा।
पत्नी की बढ़ी मुसीबत
उधर, अतीक को सजा मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन का टिकट काट दिया है। बसपा ने उसे प्रयागराज नगर निगम चुनाव के लिए मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया हुआ था। अतीक अहमद के उमेश पाल अपहरण मामले में दोष सिद्ध होने के बाद बसपा ने उसकी पत्नी का टिकट काट दिया।