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अपडेटः माफिया बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद परिवार के लिए बुरा साबित हुआ बृहस्पतिवार

बेटा असद अहमद शूटर गुलाम के साथ यूपी एसटीेएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर तो अतीक की सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड मंजूर

लखनऊ। बाहुबली पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार के लिए आज बृहस्पतिवार काफी बुरा गुजरा। एक तरफ यूपी एसटीएफ ने जहां जहां उसके बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया वहीं अतीक अहमद को प्रयागराज की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड मंजूर कर लिया।

 

 

फूट-फूटकर रोया अतीक

माफिया अतीक अहमद को झांसी में बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे जाने की खबर जेल में ही मिली। खबर मिलते ही अतीक फूट-फूटकर रोने लगा। जेल के अधिकारी बताते हैं कि अतीक अहमद खुद और परिवार के खिलाफ अधिकारियों द्वारा की जा रही सख्ती से पूरी तरह टूट चुका है। उसकी पत्नी पर भी अच्छा-खासा इनाम घोषित है। बहन और बहनोई भी पुलिस के निशाने पर आ चुके हैं।

उमेश पाल हत्याकांड में थी तलाश

यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया माफिया अतीक अहमद का बेटा असद और शूटर गुलाम प्रयागराज के अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में वांछित थे। उमेश की हत्या के बाद से ही पुलिस उनकी तलाश में जुट गई थी लेकिन वे फरार हो गए थे। सूत्र बताते है कि पहले वे दिल्ली में थे। बाद में जब पुलिस का यहां भी दबाव पड़ा तो भागकर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चले गए। वहीं से वे पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। पुलिस की यूपी एसटीएफ और एसओजी की टीम पर असद और गुलाम की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। बाद में उनकी लोकेशन झांसी में मिलने पर यूपी एसटीएफ की टीम ने उन्हें मार गिराया।

सात दिनों की रिमांड पर अतीक

उधर, माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज सीजेएम की अदालत ने सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड मंजूर किया है। अतीक गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। उसे पुलिस लेकर आई थी। उसे आज बृहस्पतिवार को सीजेएम की न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने अतीक को 14 दिनों के लिए रिमांड पर सौपने के लिए अदालत से अनुरोध किया था। इसका पुरजोर विरोध अतीक के अधिवक्ताओं ने किया। पुलिस की दलील थी कि उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के बारे में अतीक से काफी कुछ पूछताछ के साथ ही सुबूत जुटाने हैं। लेकिन अतीक की बीमारी का हवाला देकर उसके वकीलों ने 14 दिनों की रिमांड का विरोध किया। बाद में दोनों पक्षों की सुनने के बाद सीजेएम ने सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड मंजूर किया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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