समस्याएं बताईः श्रम बंधु की बैठक में श्रमिक संगठनों के नेताओं ने श्रमिकों की समस्याएं बताई
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में श्रमिक बंधु की हुई बैठक, कई श्रमिक नेता भी थे शामिल
ग्रेटर नोएडा। यहां कलेक्ट्रेट के सभागार में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई गौतमबुद्ध नगर जिला श्रम बंधु की मासिक बैठक में श्रमिक नेताओं ने श्रमिकों की समस्याएं जिलाधिकारी को बताई। बैठक का संचालन उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार ने किया। बैठक में उन्होंने समस्याओं और शिकायतों को समयबद्ध निस्तारण की मांग भी की।
ये श्रमिक नेता शामिल थे बैठक में
बैठक में गौतमबुद्ध नगर सीटू के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, जिला महासचिव राम सागर, सचिव मंडल सदस्य लता सिंह, मुकेश राघव आदि शामिल थे। उन्होंने जिला गौतमबुद्ध नगर के श्रमिकों की समस्याओं को रेखांकित किया।
समस्याओं का हो निस्तारण
गंगेश्वर दत्त शर्मा ने जिलाधिकारी से मांग की कि श्रमिकों की समस्याओं और शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाना चाहिए। श्रमिकों के पक्ष में पारित रिकवरी की वसूली कर श्रमिकों को भुगतान कराने के कार्य में तेजी भी लाई जाए। ईएसआईसी कार्डधारकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ग्रेटर नोएडा में शीघ्र अस्पताल का निर्माण भी कराया जाना चाहिए। साथ ही श्रमिकों को आवास उपलब्ध कराने के लिए श्रमिक कालोनियों का निर्माण, भवन निर्माण मजदूरों को लाभ देने की प्रक्रिया को सरल कर पात्र लोगों को योजनाओं के लाभ दिए जाएं।
पथ विक्रेता अधिनियम सही ढंग से हो लागू
बैठक में गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि जिले में पथ विक्रेता अधिनियम-2014 को सही तरीके से लागू कराना जाना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में स्थित तीनों विकास प्राधिकरणों (नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों) या पुलिस प्रशासन नियम कानूनों की अनदेखी कर वेंडर्स की जीविका को बार-बार बाधित कर रहे हैं। इस कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई जाए।
अन्य ने भी उठाया मुद्दा
बैठक में इसी तरह एचएमएस के वरिष्ठ नेता आरपी सिंह चौहान, इंटक नेता संतोष तिवारी, बीएमएस नेता सुरेंद्र प्रजापति व अन्य श्रमिक संगठनों ने भी श्रमिकों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
नहीं हो रही नियमित बैठक
सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि श्रम बंधु की बैठक नियमित नहीं हो रही है। जिले में श्रम कानूनों का उद्योगपति खुलेआम उल्लंघन कर श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं। श्रमिकों को न्यूनतम सुविधाएं तक नहीं मिल रही है। लगातार महंगाई तो बढ़ रही है लेकिन सरकार मजदूरों के वेतन को बढ़ाने को तैयार नहीं है। मजदूरों के लिए बने कानूनों को सरकार खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है। इसके विरोध में श्रमिक संगठन लगातार आवाज उठा रहे हैं।