विवादः रिलीज के पहले ही `द केरला स्टोरी’ विवादों में फंसी, वामपंथी व समाजवादी संगठन कर रहे विरोध
वामपंथी समेत कई दल कर रहे हैं विरोध, कुछ दृश्य व डॉयलाग पर कैंची चलाने के बाद सेंसर बोर्ड ने `ए’ सर्टिफिकेट दिया
नई दिल्ली। द कश्मीर फाइल्स की तरह ही ‘द केरला स्टोरी’ भी रिलीज से पहले ही विवादों से घिर गई है। इस फिल्म का विरोध केरल में भी विवाद हो रहा है। लेकिन राष्ट्रवादी संगठन इस फिल्म का समर्थन कर रहे हैं। फिल्म का विरोध खासतौर से वामपंथी व समाजवादी संगठनों से जुड़े लोग कर रहे है।
क्या है इस फिल्म में
फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story) में फिल्म के जरिये उन महिलाओं की कहानी दिखाने का दावा किया गया है जिन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया। फिर इराक और सीरिया जाकर आतंकी संगठन आईएसआई (ISIS) ज्वाइन कर लिया। इस फिल्म का टीजर नवंबर 2022 में लांच हुआ था। टीजर में दावा किया गया था कि केरल की 32 हजार हिंदू और ईसाई महिलाओं ने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। फिर उन्हें सीरिया ले जाकर आतंकी संगठन आईएसआई में शामिल करा दिया गया। फिल्म में अन्य कई दृश्य और डॉयलाग ऐसे हैं जिन पर गहरी आपत्ति जताई गई है।
कौन कर रहा है विरोध
केरल में इस फिल्म का विरोध इसका टीजर जारी होते ही शुरू हो गया था। केरल में एलडीएफ (LDF) और यूडीएफ (UDF) जैसी कई राजनीतिक पार्टियां फिल्म का विरोध कर रही हैं।
मिला ए सर्टिफिकेट
‘द केरला स्टोरी’ को लेकर मचे घमासान के बीच भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने इसे ए (A) सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया है। लेकिन सर्टिफिकेट देने के साथ ही फिल्म से दस विवादित (कंट्रोवर्शियल) और कथित आपत्तिजनक सीन और डॉयलाग हटवा दिए गए हैं।.
इन दृश्यों पर चली कैंची
द केरला स्टोरी फिल्म के जिन दृश्यों (सीन्स) पर सेंसर बोर्ड की कैंची चली है उनमें ‘द केरल स्टोरी’ से केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन का वह बयान हटा दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘दो दशकों में केरल मुस्लिम आबादी वाला राज्य बन जाएगा. क्योंकि युवाओं को इस्लाम के लिए प्रभावित किया जा रहा है। ‘ फिल्म में से वह सीन भी हटा दिया गया है जिसमें एक हिंदू भगवान को गलत तरीके से दिखाया गया है। फिल्म के डायलॉग ‘भारतीय कम्युनिस्ट सबसे बड़े पाखंडी हैं’ में से ‘भारतीय’ शब्द को भी हटा दिया गया है।
सीएम ने एतराज जताया
‘द केरला स्टोरी’ को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, ‘फिल्म संघ परिवार के विचारों के प्रचार के लिए है। ये फिल्म बेवजह लव जिहाद के मुद्दे को उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करती है।’
द कश्मीर फाइल्स पर हुआ था विवाद
इससे पहले द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर गई दी। इस फिल्म का कांग्रेस, वामपंथी दल, कश्मीर की राजनैतिक पार्टियों ने विरोध किया था। इस फिल्म के जरिये 90 के दशक में कश्मीर घाटी के भगाए गए और उत्पीड़ित हिन्दुओं (खासतौर से कश्मीरी पंडितों) की कहानी को दर्शाया गया था। इस फिल्म के भी कुछ दृश्यों और डॉयलाग पर फिल्म सेंसर बोर्ड ने कैची चलाकर प्रदर्शन की अनुमति दे दी थी। कुछ राज्यों इस फिल्म को लोगों ने खूब देखा। फिल्म देखने वालों में राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग अधिक शामिल थे।