काले धंधे का गिरोहः रिकार्ड खराब होने से जिन्हें बैंक लोन नहीं देते थे उन्हें फर्जी कागजात से दिला देते थे करोड़ों का लोन
फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाकर लोन दिला देता था यह गिरोह पुलिस ने गिरोह के सात लोगो को किया गिरफ्तार, कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर थाना सेक्टर-63, नोएडा की पुलिस ने जिन लोगो का सिविल रिकार्ड खराब होने के बाद बैंक लोन नहीं देते थे उन लोगों का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाकर उन्हें बड़े बैंकों से करोड़ो रुपये लोन दिलाने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बैंकों को बड़ी आसानी से गुमराह भी कर देता था।
कौन हैं पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान दीपक कुमार निवासी मकान नंबर 1 ग्राम चौड़ा सादतपुर सेक्टर 22 नोएडा, विशाल निवासी गांव चिसौन थाना सलेमपुर जिला बुलन्दशहर के रूप में हुई है। वह वर्तमान में राधा कुंज कालोनी नंदग्राम जिला गाजियाबाद में रहता था। तीसरे की पहचान अतुल गुप्ता निवासी आरसी 838 राजीव नगर खोड़ा कालोनी थाना खोड़ा जिला गाजियाबाद, चौथा मनीष कुमार निवासी आदमपुर मोचनी थाना खतौली जिला मुजफ्फरनगर, पांचवां शिवेंद्र सिंह उर्फ गौतम निवासी गांव भिकी पुर थाना अजीतमल जिला औरैया के रूप में हुई है। यह वर्तमान में सी 247 सेक्टर 22 थाना सेक्टर 24 नोएडा में रहता था। छठें की पहचान मोहित कुमार निवासी गांव नवादा पटवा सराय थाना नवादा कोतवाली जिला पटना बिहार के रूप में हुई है। यह वर्तमान में मंडावली मैन रोड मकान नंबर 245 थाना मंडावली दिल्ली में रहता था और सातवें की पहचान मोहम्मद चाद उर्फ नवाब राशिद निवासी ग्राम कामत बस्ती थाना जोकीहाट जिला अररिया बिहार के रूप में हुई है। यह वर्तमान में मकान नंबर 112 सेक्टर 9 थाना फेस 1 नोएडा में रहता था।
क्या है मामला
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वे लोग एक ही व्यक्ति के कई-कई आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने का काम करते हैं। जिन लोगों को किसी भी प्रकार के लोन की आवश्यकता होती है और उनका किसी कारण से बैकों में रिकार्ड खराब होता है वे उनके नाम आदि में बदलाव कर पैरों की अगुंलियों को स्कैन कर तथा किसी अन्य व्यक्ति के आखों के रैटिना लेकर सिलिकॉन का अगूंठा निशान का प्रयोग दूसरा आधार कार्ड तैयार कर देते थे। इससे वह किसी भी प्रकार का लोन सिविल रिकार्ड खराब होने के बाद भी प्राप्त कर लेते थे। इसी के साथ ही कार, मोटरसाइकिल, मोबाइल का लोन फर्जी नाम पते पर ले लेते थे। इसकी एवज में वे उनसे 10 से 20 हजार रुपये एक आधार कार्ड बनाने के वसूलते थे और मिली राशि को आपस में काम के हिसाब से बांट लेते थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि इसी प्रकार के आधार कार्ड ये लोग खुद के भी बनाये हुए हैं। जिन पर फोटो तो हमारे ही है लेकिन नाम पते मे बदलाव है।
क्या हुआ इनके पास से बरामद
पुलिस ने इनके पास से लैपटाप, CPU, TFT स्क्रिन, प्रिन्टर, लेमिनेशन मशीन, फिंगर प्रिंट स्कैनर, थम्ब स्कैनर, वैब कैम कैमरा, आई स्कैनर, एप्सोन डाक्यूमेंट स्कैनर, पांच आधार कार्ड, चार आधार कार्ड (फर्जी), आधार कार्ड की फोटो कापी, 4 आधार कार्ड की नामांकन पर्ची, 15 पैन कार्ड अलग-अलग नाम के,एक पैन कार्ड की फोटो प्रति, दो श्रमिक कार्ड, सिलिकान का अंगूठा निशान, दो मोटर साइकिल, भारी मात्रा में आधार कार्ड बनाने के पेपर और लेमिनेशन पन्नी मिली हैं।