काला धंधाः कंपनी बनाकर फर्जी आईडी बनाकर बैंकों लेते थे लोन, 23 करोड़ की चपत लगा चुका है यह गिरोह
पुलिस ने आठ लोगों को किया गिरफ्तार, भारी मात्रा में चेक बुक सहित कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद, बैंक अधिकारी ने की थी शिकायत
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना फेस-1 नोएडा की पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाकर अलग-अलग लोगों की फर्जी आईडी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बनाकर बैंको में फर्जी ही खाता खोलकर बैंको से लोन लेने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह विभिन्न बैंकों को अब तक करीब 23 करोड़ रुपये की आर्थिक हानि पहुँचा चुका है।
क्या हुआ गिरोह के पास से बरामद
नोएडा के डीसीपी हरीश चंदर ने मंगलवार को यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस ने जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया है उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी आई कार्ड, बैंकों के चेक बुक, डेबिट कार्ड, मोबाइल फोन, नोट गिनने की मशीन, आई कार्ड बनाने की मशीन, विभिन्न कंपनियों की मोहरें, लैपटॉप, रूपये, पैन ड्राइव, तीन कार और 2 मोटर साइकिलें बरामद किया है।
कौन हैं पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोडा, अमन शर्मा, दानिश छिब्बर, वसीम अहमद, मोहसिन, जीतू उर्फ जितेंद्र, रविकान्त मिश्र और तनुज शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें जेवर टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया। उनकी निशांदेही पर द अरानिया सोसायटी सेक्टर-119 नोएडा से चेक बुक, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, जीएचसीएल कंपनी के आईडी कार्ड आदि मिले हैं।
बैंक अधिकारी ने की थी पुलिस से शिकायत
उन्होंने बताया कि इस मामले में एचडीएफसी बैंक लिमिडेट डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट क्रेडिट इंटेलीजेंस एवं कंट्रोल प्रशांत खुराना निवासी प्लाट नं0 111, सेक्टर-4, नोएडा की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज बनाकर, फर्जी रूप से अलग-अलग लोगों की आईडी एवं प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बनाकर धोखाधड़ी कर बैंक को आर्थिक हानि पहुँचाने के मामले में थाना फेस-1 नोएडा पर भादवि की धारा 420/406/467/468/471/120बी के तहत 12 मई को रिपोर्ट दर्ज किया गया था।
कैसे अंजाम देते थे अपराध को
डीसीपी ने बताया कि आरोपी विभिन्न फर्जी नामों से फर्जी आधार कार्ड और इन्हीं फर्जी नाम से पैन कार्ड बनाकर आरओसी में कंपनी रजिस्टर्ड कराते थे। उन्हीं फर्जी दस्तावेजों से वे अलग-अलग बैंको में खाते खुलवाते थे। इस प्रकार खोले गए खातों में फर्जी कंपनियों के खाते से सैलरी के रुप मे रुपये ट्रान्सफर करते थे। सैलरी की उस धनराशि को एटीएम से निकालकर फिर उसी कंपनी के खाते में जमा करा देते थे। इस प्रकार 6-7 महीने सैलरी देने पर ऐसा खातेदार लोन के लिए उपर्युक्त हो जाता था। तब ये लोग ऑनलाइन लोन एप्लाई कर और कई अन्य फाइनेंस कंपनियों से कार, मोबाइल व अन्य वस्तुएं फाइनेंस कराते थे। वे लोन के रुपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर तथा फाइनेंस की वस्तुओं का गबन कर ये लोग बैंक को वापस नहीं करते थे, क्योकि यह सब काम वे गलत नामों से करते थे। इसलिए बैंक इनको पकड़ नहीं पाता था। ये लोग यह काम किराए पर फ्लैट लेकर करते हैं। आरोपियों ने जीएचसीएल कंपनी के नाम से मिलती- जुलती जीएचसीएल टे0प्रा0लि0 नाम की फर्जी कंपनी बनाकर फर्जीवाड़े का काम सेक्टर-119 में एक फ्लैट लेकर किया था। इन लोगों ने अभी तक एचडीएफसी बैंक सहित अन्य विभिन्न बैंकों से लगभग 23 करोड़ रुपये लोन के रूप में ले चुके हैं। लोन वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने बताया कि यह भी उल्लेखनीय है कि जीएचसीएल (फर्जी कंपनी) ने ईपीएफओ में कंपनी के कर्मचारी के खाते खुलवा रखे हैं। समय-समय पर ईपीएफओ के खाते में पैसा जमा करते थे। इससे लगता था कि कंपनी सही है। इससे फर्जी कर्मचारी दर्शाकर कर्मचारी के नाम पर लोन लेते समय बैंको को कोई शक नहीं होता था।
कहां के निवासी हैं काला धंधा करने वाले लोग
पकड़ा गया अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोडा निवासी म0न0-12, गली नंबर-4, वेस्ट चन्दर नगर, दिल्ली, अमन शर्मा निवासी म0न0-66, गली नंबर-3, राज कम्पाउन्ड, लाल कुआं, गाजियाबाद, दानिश छिब्बर निवासी सेक्टर-1, ग्रेटर नोएडा मूल निवासी सेक्टर-20, नोएडा, वसीम अहमद निवासी न्यू अशोक नगर, दिल्ली मूल निवासी ग्राम तखतपुर अल्ला उर्फ नानकारा, थाना मैनाठेर, जिला मुरादाबाद के रहने वाले हैं। इनके अलावा मोहसिन निवासी ग्राम उमरी, थाना कोतवाली देहात, जिला बिजनौर वर्तमान पता खड्डा कॉलोनी, जैतपुर, थाना जैतपुर, जीतू उर्फ जितेंद्र निवासी ग्राम बढावर, थाना महाराजगंज, जिला आजमगढ़, वर्तमान पता खट्टर कॉलोनी, जैतपुर, दिल्ली, रविकान्त मिश्र निवासी रामनौली, थाना छिबरामऊ, कन्नौज, तनुज शर्मा निवासी डेल्टा, ग्रेटर नोएडा मूल निवासी ग्राम पथेना, थाना मूसावर, जिला भरतपुर, राजस्थान के निवासी हैं।