बढ़ी मुसीबतः लालू के करीबियों के विभिन्न नौ ठिकानों पर सीबीआई ने मारे एक साथ छापे
छापे की चपेट में लालू के विश्वस्त प्रेम चंद गुप्ता, विधायक किरन देवी, पूर्व विधायक अरुण यादव भी आए
ग्नेटर नोएडा। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामला में तत्कालीन रेल मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबियों और विश्वस्त रहे लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सीबीआई ने इस मामले में लालू के करीबी और विश्वस्त माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता, राजद की विधायक किरन देवी, राजद के ही पूर्व विधायक अरुण यादव के ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, पटना, आरा, सहित विभिन्न राज्यों के विभिन्न जिलों में स्थित नौ ठिकानों पर आज मंगलवार की सुबह छापे मारे। यह छापेमारी फिलहाल जारी है।
गुप्ता के ग्रेनो, दिल्ली व गुरुग्राम के ठिकानों पर छापे मारी
राजद से राज्यसभा सदस्य प्रेम चंद गुप्ता के ग्रेटर नोएडा स्थित गौर सिटी, दिल्ली और गुरुग्राम के ठिकानों पर सीबीआई की छापामार कार्रवाई जारी है। सीबीआई की टीम ने मंगलवार सुबह एक साथ प्रेमचंद गुप्ता के ठिकानों पर छापे मारे।
क्या है मामला
लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से 2009 तक कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। उस समय उन पर रेलवे में ग्रुप-डी की लोगों को नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप लगा था। इस मामले की सीबीआई काफी समय से जांच कर रही है। इस चपेटे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती, बिहार के उप मुख्यमंत्री व लालू के बेटे तेजस्वी यादव आदि से पहले ही सीबीआई की पूछताछ हो चुकी है। अब इसी मामले में प्रेम चंद गुप्ता पर सीबीआई ने शिकंजा कसा है। गुप्ता भी लालू के करीबी और विश्वस्त होने के नाते ही तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार में वर्ष 2004 से 2009 तक केंद्र में मंत्री थे। चूंकि वे लालू के करीबी और विश्वस्त हैं, इसलिए रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई ने उन पर भी शिकंजा कसा है।
ईडी उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर चुकी है
प्रेम चंद गुप्ता पर सीबीआई का छापा पड़ना कोई पहला मामला नहीं है। वह सीबीआई की रडार पर काफी पहले से हैं। वर्ष 2017 में बेनामी संपत्ति मामले में प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता का नाम आने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सरला गुप्ता को नोटिस जारी कर चुका है। रेलवे से ही जुड़े होटल टेंडर मामले में घोटाले और गड़बड़ी का आरोप लालू यादव पर लगा था। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120-बी के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
ये भी है लालू पर आरोप
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने रांची और पुरी स्थित रेलवे के दो होटलों का टेंडर एक निजी कंपनी को दे दिया था। होटलों का टेंडर दिए जाने के बदले उनके करीबी और विश्वस्त प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी को दो एकड़ जमीन मिली। बाद में ये कंपनी लालू परिवार को ट्रांसफर हो गई। छापे में सीबीआई के हाथ कौन से सुबूत और दस्तावेज हाथ आए हैं, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। न ही इस बारे में फिलहाल सीबीआई का कोई अधिकारी कुछ बताने के लिए तैयार है।