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पर्यावरण संरक्षणः 16 फैक्टरियां कर रही थीं हिंडन को प्रदूषित,कर दी गईं सील

हिंडन नदी में बिना शोधित किए डाला जा रहा था गंदा पानी, बिजली का कनेक्शन भी काटा गया

नोएडा। हिंडन नदी को प्रदूषित कर रहीं 16 फैक्टरियों के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बिजली विभाग ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की है। एक तो ये फैक्टरियां अवैध रूप से चल रही थीं दूसरे हिंडन नदी में प्रदूषित पानी को बिना शोधित किए सीधे डाला जा रहा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन फैक्टरियों को सील कर दिया है। बिजली विभाग ने इनका बिजली का कनेक्शन काट दिया है। ये सभी फैक्ट्रियां नोएडा के सेक्टर 65 स्थित गांव बहलोलपुर में चल रही थीं।

फैक्ट्रियां सील
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मंगलवार को उनके कार्यालय को हिंडन नदी को प्रदूषित करने की शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने के बाद मौके पर जाकर संबंधित अधिकारियों ने जांच की। जांच के बाद बुधवार की तड़के सबसे पहले इन फैक्टरियों के बिजली के कनेक्शन काट दिए गए। फिर विशेष अभियान चलाकर इन फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया।

अवैध फैक्टरियां मिली तो वे भी सील होंगी

उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जिले में कहीं भी किसी भी गांव में अवैध रूप जो फैक्टरियां चलती हुई पाई जाएंगी उन्हें भी सील कर दिया जाएगा। वे सिर्फ सील ही नहीं होंगी बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही भी होगी।

अवैध फैक्टरियों के संचालकों को चेतावनी

उन्होंने अवैध फैक्टरी चलाने वालों को चेतावनी दी कि वे खुद ऐसी फैक्टरियों को बंद कर दें। वरना एनजीटी के नियमों के अवहेलना के जुर्म में ऐसी फैक्टरियों को सील करने के साथ जुर्माना भी किया जाएगा।

आवासीय क्षेत्र में चल रहीं थी फैक्टरियां

जिन फैक्टरियों के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने कार्रवाई की है वे फैक्टरियां आवासीय क्षेत्र में चल रही थीं। जिन फैक्टरियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वे गारमेंट्स (कपड़ों की रंगाई वाली) की फैक्टरियां हैं। इन्हें सील करने के साथ ही इनके बिजली के कनेक्शन भी काट दिए गए हैं।

वातावरण को भी कर रहीं थी प्रदूषित

गारमेंट यूनिट से निकाले गंदे और प्रदूषित पानी जो सीधे हिंडन नदी में छोड़ा जा रहा था। इस पानी की वजह से हिंडन नदी का पानी प्रदूषित तो हो ही रहा था और पर्यावरण और वातावरण को भी नुक़सान पहुंच रहा था। फ़ैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी की वजह से प्रदूषण के साथ ही बीमारियां भी दस्तक देने लगीं थी।

डीएम ने दिए थे कार्रवाई के आदेश

अवैध रूप से चल रही कपड़ों की रंगाई (गारमेंट्स) की फैक्टरी के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जिलाधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर की गई।

पर्यावरणविद ने की थी शिकायत

हिंडन नदी में बढ़ते प्रदूषण की शिकायत पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ ने की थी। उन्हें हिंडन नदी को प्रदूषित करने की जानकारी मिली थी। वे खुद गांव बहलोलपुर में जाकर नदी के आसपास की जांच की। उन्होंने देखा कि यहां डाइंग का जहरीला रंगीन पानी नदी में सीधे बिना शोषित किए बहाया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने प्रदूषण विभाग से की थी। मंगलवार को इस मामले पर कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के बैठक भी हुई थी। जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई के आदेश दिए थे। उनका कहना है कि हिंडन नदी के किनारे बहलोलपुर गांव में ऐसी 50 से अधिक फैक्टरियां हैं। लेकिन वे गांव में अलग-अलग स्थानों पर हैं। किनारों पर 16 फैक्टरियां थीं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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