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पर्यावरण दिवसः पौधारोपण कर गरीब बच्चों के साथ मनाया पर्यावरण दिवस

पहल वेलफेयर फाउंडेशन ने बच्चों को बताया पर्यावरण दिवस का महत्व, पौधारोपण की जरूरत के बारे में

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पहल वेलफेयर फाउंडेशन की टीम ने सोमवार को अनप्रिविलेज्ड स्कूल में छात्र-छात्राओं के साथ गौर सिटी के विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण का जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया। इस अवसर पर गौर चौक के पास सहित कई स्थानों पर पौधारोपण भी किया गया।

बच्चों को बताया पर्यावरण दिवस के बारे में

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पहल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डीके सिंह ने बच्चों को बताया कि सबसे पहले विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1972 में की गई। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी। सबसे पहले यह साल 1974 में मनाया गया था। इसके बाद पूरे विश्व में यह दिन मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस दिन को लेकर जागरूक करना है। ताकि लोग इस दिन के महत्व को समझ सकें। इस दिन लोगों को जलवायु परिवर्तन, जंगलों की कटाई, प्रदूषण, बायोडायवर्सिटी लॉस जैसे मुद्दों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है।

मनाने का बताया उद्देश्य

उन्होंने बच्चों को बताया कि हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके। इसी के साथ ही इस दिन जगह-जगह पर पौधे रोपे जाते हैं ताकि आने वाले समय में हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई दिक्कत न हो। इस दिन स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और कई संस्थानों में कई तरह के प्रोग्राम कर लोगों को जागरूक किया जाता है।

पर्यावरण को सुरक्षित करना बहुत जरूरी

पहल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव राजीव चटर्जी ने कहा कि हमारी धरती, जनजीवन को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण का सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है। विश्व के देश आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन इस राह में दिनोंदिन दुनियाभर में ऐसी चीजों का इस्तेमाल बढ़ गया है और इस तरह से लोग जीवन जी रहे हैं, जिससे पर्यावरण खतरे में हैं। इंसान और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं। ऐसे में प्रकृति के साथ इंसानों को तालमेल बिठाना होता है। लेकिन लगातार वातावरण दूषित हो रहा है, जिससे कई तरह की समस्याएं बढ़ रही हैं, जो हमारे जनजीवन को तो प्रभावित कर ही रही हैं, साथ ही कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं की भी वजह बन रही हैं। सुखी स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। इसी उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

प्राचीन काल से ही रहा है पर्यावरण का महत्व

गरीब बच्चों के स्कूल के संचालक राजेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि आज से ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से पर्यावरण का बहुत महत्व रहा है। क्योंकि प्रकृति का संरक्षित करने का मतलब उसका पूजन करने के समान होता है। हमारे देश में पर्वत, नदी, वायु, आग, ग्रह नक्षत्र, पेड़ पौधे यह सभी कहीं ना कहीं मानव के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन बढ़ते विकास के कारण इसे लगातार नुकसान पहुंच रहा है।

ये रहे कार्यक्रम में मौजूद

आज के इस कार्यक्रम में पहल संस्था के अध्यक्ष डीके सिंह, संस्था के सेक्रेटरी राजीव चटर्जी, ज्वाइंट-सेक्रेटरी राम नारायण त्रिपाठी, कृष्णकांत सिंह, ललित नारायण, प्रिया सिंह, तन्वी सिंह, राजेंद्र सिंह चौधरी, रेखा शर्मा, मीना बंसल आदि शामिल थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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