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आंदोलनः जेल में बंद किसान नेताओं से मिले रालोद विधायक, पूर्व सांसद व किसान

46वें दिन भी महापड़ाव जारी, महिलाओं ने संभाला मोर्चा, कहा, किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन को मिली और अधिक मजबूती

ग्रेटर नोएडा। किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर किसानों का महापड़ाव आज शुक्रवार को 46वें दिन भी जारी रहा। आज जेल में बंद किसान नेताओं से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक चंदन चौहान, किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संयुक्त किसान मोर्चा के नेता, पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला सहित अन्य किसान प्रतिनिधि मिले। वहां से लौटकर वे महापड़ाव (धरना) में शामिल हो गए और किसानों को संबोधित किया।

महिलाएं महापड़ावस्थल पर हो गईं थीं काबिज

अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर चल रहा किसानों का महापड़ाव (धरना) 46वें दिन भी जारी रहा। धरने के 43 वें दिन 6 जून को किसानों के डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन के दिन देर शाम को पुलिस किसानों को बलपूर्वक धरनास्थल से उठाकर 33 लोगों को जेल में डाल दिया था। इसके कुछ घंटे बाद ही महिलाओं की मजबूत अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में किसान फिर से धरनास्थल को अपने कब्जे में ले लिया। वे 10 प्रतिशत भूखंड, भूमिहीनों को 40 वर्ग मीटर‌ प्लाट, सर्किल रेट के चार गुने मुआवजे, आबादी की लीज बैक, रोजगार, पुनर्वास आदि मुद्दों पर अपने संघर्ष को नए संकल्प के साथ आगे बढ़ाया।

कई लोग मिले किसान नेताओं से

आज आंदोलन के 46 वें दिन किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संयुक्त किसान मोर्चा के नेता, पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में जेल में बंद किसान नेताओ से मिले और वहां से लौटकर धरना स्थल पर चल रही सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पुलिस लाइन के भीतर किसान महिला-पुरुषों पर लाठियां चलाकार जो अपराध किया है वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इससे आंदोलन खत्म नहीं होगा बल्कि और मजबूत होगा।

रालोद विधायक भी मिले

जेल में बंद किसान नेताओं से मिलने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के विधायक चंदन चौहान भी धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान सभा के नेतृत्व वाले इस संघर्ष को उनका पूरा समर्थन मिलेगा। उन्होंने जेल में बंद किसानों को बिना शर्त रिहा करने और उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की।

आजाद समाज पार्टी ने दिया समर्थन

आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष दिनेश आजाद धरनास्थल पर अपने साथियों और समर्थकों के साथ पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस कार्रवाई‌ की कड़ी निंदा की।

पुलिस पर गांवों में जाकर धमकाने का आरोप

धरने पर मौजूद किसानों ने सभा में जानकारी दी कि पुलिस गांवों में जाकर लोगों को धमका रही है और धरने पर जाने से रोक रही है। एक किसान ने बताया कि धरने पर आते उनकी ट्रैक्टर-ट्राली को पुलिस ने रोक लिया और लोगों को वापस लौटाकर ट्रैक्टर थाने में खड़ा कर लिया है। किसानों ने कहा कि वे डरेंगे नहीं और आंदोलन मजबूती से मांगें पूरी होने तक जारी रखेंगे। धरने पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद हैं।

इन्होंने किया संबोधित

आज के धरने को किसान सभा के मनोज कुमार, हरेंद्र खरी, राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष जनार्दन, इंदरबीर भाटी, अजीत दौला, समाज‌वादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फकीरचंद नागर आदि ने भी संबोधित किया। किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस की पिटाई से चोटिल किसान महिला-पुरुषों की डाक्टरी कारा कर वे मुकदमा भी दर्ज कराएंगे। आज के धरने की अध्यक्षता मेघसिंह और संचालन सतीश यादव नेताजी ने किया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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