आक्रोशः समस्याओं के हल के बजाय सिर्फ आश्वासन देता है ग्रेनो विकास प्राधिकरण
भारतीय किसान यूनियन की 12 जून को होने वाली महापंचायत की तैयारियों के सिलसिले में विभिन्न गांवों में हुई बैठक में किसानों ने लगाए आरोप
ग्रेटर नोएडा। भारतीय किसान यूनियन की आज शनिवार को गुलावली और जटा गांवों में हुई बैठक में शामिल किसानों ने आरोप लगाया कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण किसानों की समस्याओं के निराकरण के बजाय सिर्फ आश्वासन देता है। अब तो वह किसानों को जेल भी भेजने लगा है जबकि उसे समस्याओं का निराकरण कर मामले का निपटारा कर देना चाहिए।
आबादी का निस्तारण नहीं हुआ
बैठक की अध्यक्षता बेगराज प्रधान एवं संचालन अमित डेढ़ा ने किया। बैठक में जगत प्रधान ने कहा कि हमारे गांव में अभी तक आबादी का निस्तारण नहीं हुआ है। कई बार ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में एप्लीकेशन दिया गया लेकिन उनका कोई फायदा हुआ नहीं। हर बार आश्वासन दिया जाता है। गांव में सीसी रोड, स्ट्रीट लाइट, पानी निकासी की समस्या समेत समस्याएं हैं। लेकिन अधिकारी ग्रामीणों की सुनते ही नहीं।
ग्राम प्रधान मिलने पर हल होती थी समस्याएं
उन्होंने कहा कि हमारे अधिकार ग्राम प्रधान से मिलने से मिलते थे। वह भी प्राधिकरण ने छीन रखे हैं। कोई चुनाव प्रक्रिया नहीं है।
गोल-गोल घुमाया जाता है
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा पिछले काफी समय से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर धरना दिया गया। हर बार आश्वासन ही मिला है। कुछ कार्य को करा दिया जाता है। कुछ पर सिर्फ गोल-गोल घुमाया जा रहा है। अभी पिछले काफी समय से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर हमारे किसान साथी धरना दे रहे हैं लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुलिस के बल पर किसानों को जबरन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लोकतंत्र में अपनी बात को कहने का अधिकार है। जब किसान शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे तो पुलिस को एवं प्राधिकरण के अधिकारियों को क्षेत्र के किसानों से वार्ताकर उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए था न कि उन्हें जेल पहुंचाना।
महापंचायत में जरूर पहुंचे किसान
भाकियू एनसीआर के अध्यक्ष मटरू नागर ने कहा कि आने वाली 12 जून को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत साबौता कट आयोजित महापंचायत में आएंगे। इस महापंचायत में गांवों से किसान जरूर पहुंचे और अपनी समस्याओं को रखे।
बैठक में भाकियू जिलाध्यक्ष जेवर क्षेत्र रोबिन नागर, अमित डेढा, संदीप अवाना, सचिन कसाना, अमित जैलदार, सोनू कसाना, संदीप एडवोकेट, इंद्रजीत कसाना, योगेश भाटी, प्रवीण कसाना, रोहित चपराना, मनीष हरसाना, उदम लोहिया, सौरभ प्रधान, करण चपराना आदि सैकड़ों किसान शामिल रहे।