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Noida Hindi News: नोएडा प्राधिकरण एफडी घोटाले में तीन और आरोपी गिरफ्तार, कौन हैं और कहां से पकड़े गए आरोपी

नोएडा विकास प्राधिकरण की 3.90 करोड़ की एफडी को अपने नाम करा ली, खुद को प्राधिकरण का कर्मचारी बताया था

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर 58 नोएडा की पुलिस ने फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नोएडा विकास प्राधिकरण की एफडी बनाकर 3.90 करोड रुपये खुद के नाम कराने के आरोप में तीन और लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पांच लाख रुपये को फ्रिज भी करा दिया है। यह एफडी बैंक ऑफ इंडिया से खुद को नोएडा विकास प्राधिकरण का कर्मचारी बताकर फर्जी खाता खोलवाकर स्थानांतरित कराई गई थी।

कौन हैं पकड़े गए आरोपी

थाना सेक्टर-58 नोएडा की पुलिस ने आज मंगलवार को मेट्रो स्टेशन के पास सेक्टर-62 से फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयारकर प्राधिकरण की एफडी बनाकर 3 करोड़ 90 लाख रुपये स्थानांतरित कराकर धोखाधड़ी करने वाले जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान सुधीर चौधरी निवासी 214 राधेश्याम विहार नंबर-4 थाना मुरादनगर जिला गाजियाबाद, मुरारी जाटव निवासी ग्राम बझेड़ा थाना जहांगीराबाद जिला बुलंदशहर और राजेश बाबू निवासी ग्राम पनापुर थाना आसीवन जिला उन्नाव वर्तमान निवासी कैंपस 2/2 राजकीय पालीटेक्निक फैजाबाद रोड लखनऊ के रूप में हुई है।

क्या है मामलानोएडा विकास प्राधिकरण के वित्त विभाग के अधिकारी ने 4 जुलाई को थाना सेक्टर-58, नोएडा पर रिपोर्ट लिखाई कि नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Development Authority) ने अपने बैंक खातों में जमा धनराशि को अधिकतम ब्याज (Maximum Interest) देने के आधार पर बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 को 200 रुपये करोड़ की एफडी को स्वीकार किया था। इस मामले में 21जून को बैंक खाता संचालन के लिए पत्र निर्गत किया गया था। बैंक ऑफ इंण्डिया ने अपने 23 जून के पत्र एवं ई-मेल से बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की थी। फिर प्राधिकरण ने 100-100 करोड़ रुपये 26 जून को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 शाखा एवं इंडियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से भेजकर उपरोक्त कुल धनराशि 200 करोड़ रुपये की एफडी बनाकर कर नोएडा प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा था। इस मामले में बैंक ऑफ इंडिया ने 100-100 करोड़ रुपये की दो एफडी 26जून की मूल प्रति को प्राधिकरण को उपलब्ध करा दिया था। 3 जुलाई को बैंक ऑफ इंडिया शाखा सेक्टर-62 के दिए गए प्राधिकरण के अधिकारी एफडी की पुष्टि करने के लिए बैंक शाखा आए तो पता चला कि बैंक ऑफ इंडिया ने नोएडा प्राधिकरण के खाते में जमा धनराशि 200 करोड़ रुपये की एफडी नहीं बनवाई गई थी बल्कि उस खाते से 30 जून को 3.90 करोड़ रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर करा लिया गया था। प्राधिकरण के खाते में जमा धनराशि फीज करते हुए बैंक शाखा ने तत्काल 9 करोड़ रुपये के स्थानांतरण (Transfer) को रोक दिया था। प्राधिकरण द्वारा जारी वित्त नियंत्रक के फर्जी हस्ताक्षर बनाए हुए प्रपत्र मिले और उनके मूल हस्ताक्षर वाले प्रपत्र बैंक में नहीं मिले। बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 26 जून को उपलब्ध कराई गयी 100-100 करोड़ रुपये की दो एफडी भी फर्जी एवं कूटरचित बताया गया। बैंक में प्राधिकरण द्वारा खोले गए खाते को अब्दुल खादर नामक व्यक्ति संचालित करता था। इससे साफ होता है संबंधित बैंक के कर्मियों ने आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी एवं कूटरचित प्रपत्र एवं एफडी तैयार कर प्राधिकरण को आर्थिक क्षति पहुंच है। इस मामले में सेक्टर 58 थाने में भादवि की धारा 420, 467, 468, 471,120बी, 409 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इनमें राजेश, सुधीर और मुरारी फरार चल रहे थे।

क्या बताया आरोपियों ने

पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों से मिले प्रपत्रों की छायाप्रति और जमा रुपयों की स्लिप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन तीनों ने मनु के साथ उसके अन्य साथी त्यागी, मिश्रा, व राजेश पांडेय, अब्दुल खादर और इनके अन्य साथी, जिन्होंने बैंक में खाता खुलवाया था, के साथ मिलकर नोएडा विकास प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपयों की एफडी बननी थी उस एफडी को मनुपोला की साजिश के अनुसार हमने मिलकर बैंक ऑफ इंडिया शाखा सेक्टर 62 में फर्जी खाता खुलवाया और प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपयों में से ट्रांसफर कराए तथा 100-100 करोड की दो एफडी फर्जी बनाकर बैंक में दी गई। राजेश बाबू ने बताया कि बैंकों से 3 खाते खोलकर मनुपोला ने जो 3 करोड 90 लाख रुपये उन खातों में डलवाए थे उन रुपयों को मनुपोला ने निकलवा लिया था। इसमें से मनुपोला ने मुझे 8 लाख रुपये दिए थे। मनुपोला ने मुझे रुपये इसलिए दिए क्योंकि मनुपोला मेरे किराये के रूम पर ही सेक्टर 34 में मीटिंग करता था। रुपये लेकर मनुपोला मेरे रूम पर आया था। मैंने 8 लाख में से पांच लाख रुपये अपने फूफा सुंदरलाल के यूनियन बैंक के खाता को ट्रांसफर कर दिए। राजेश ने अपने फूफा सुंदर लाल के खाते में 5 लाख रुपये दिए जो वह यूनियन बैंक शुक्लागंज उन्नाव के खाते को फ्रीज कराया जा चुका है।

क्या हुआ इनके पास से बरामद

चार फर्जी पत्र नोएडा विकास प्राधिकरण की, 2फर्जी एफडी, एक फार्म बैंक खाता खुल जाने का, एक स्लिप पांच लाख रूपये जमा किए जाने का, 5 लाख रूपये बैंक में फ्रीज।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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