Greater Noida Hindi News: एनसीएलएटी ने लिफ्ट और गैलरी की बिजली काटने से रोका, आखिर किस सोसायटी के लोगों को मिली है बड़ी राहत
किसने दायर की थी एनसीएलएटी में याचिका, दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने क्या तर्क दिए, किन लोगों को हो रही थी बिजली काटने के बाद से परेशानी
ग्रेटर नोएडा। पिछले कुछ दिनों से विभिन्न संकटों का सामना कर रहे संस्कृति और कासा रॉयल सोसायटी में रहे सैकड़ों परिवार के लोगों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने राहत मिलने से अब चैन की सांस ली है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलयीय न्यायाधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal) (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को सैकड़ों परिवार को राहत देते हुए आरपी गौरव कटियार को सोसायटी में लिफ्ट को बंद करने या गैलरी की बिजली काटने पर रोक लगा दी है।
सावा ने एनसीएलटी में की थी अपील
एनसीएलएटी के अध्यक्ष जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ संस्कृति अलॉटी वेलफेयर एसोसिएशन (सावा) की ओर से दाखिल अपील पर विचार करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया है। सावा की ओर से अधिवक्ता यशीष चंद्रा की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने न सिर्फ आरपी को लिफ्ट बंद करने और गैलरी की लाइट काटने पर रोक लगा दी है बल्कि नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने आरपी से कहा कि जब सोसायटी में टावर 14 मंजिला है तो आप लिफ्ट कैसे रोक सकते हैं। इसी के साथ ही पूछा है कि यदि आप लिफ्ट बंद कर देंगे तो फिर लोग अपने घरों में कैसे जाएंगे। पीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि लिफ्ट बंद करना, एक तरह से लोगों को अपने घरों में जाने से रोकना है। एनसीएलएटी ने आरपी गौरव कटियार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सावा की ओर से दाखिल अपील पर सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है।
सावा ने अदालत को दी जानकारी
इससे पहले सावा की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता यशीष चंद्रा ने पीठ को बताया कि आरपी कटियार ने 12 जुलाई को संस्कृति और कासा रॉयल दोनों सोसायटियों की लिफ्ट, गैलरी और पार्क की बिजली काट दी थी। उन्होंने कहा कि कटियार के इस कदम से सैकड़ों परिवार, खासकर बुजुर्ग, बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अधिवक्ता यशीष चंद्रा ने तर्क दिया था कि कई लोग बीमार हैं और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को आरपी नहीं काट सकते।
कटियार की ओर से वकील ने रखा पक्ष
दूसरी ओर आरपी गौरव कटियार की ओर से अधिवक्ता रिषभ जैन ने पीठ को बताया कि सोसायटी में रह रहे लोग मेंटेनेंस शुल्क और बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं और इसकी वजह से बिजली मुहैया कराने वाली कंपनी एनपीसीएल का एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो गया। जैन ने कहा कि एनपीसीएल ने भी बिजली काटने के लिए एनसीएलटी में अर्जी दाखिल किया है। इसका जवाब देते हुए सावा के वकील ने कहा कि सभी लोग मेंटेनेंस शुल्क का भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिजली का इस्तेमाल प्री-पेड मीटर के जरिए होता है, लोग पहले रिचार्ज कराते हैं, फिर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक निवासियों ने बढ़े हुए दर से मेंटेनेंस का भुगतान किया है। बाकी सभी लोग पुराने दरों से नियमित भुगतान कर रहे हैं।
एनपीसीएल को भी पक्षकार बनाने का आदेश
इसके बाद पीठ ने सावा को इस मामले में बिजली कंपनी एनपीसीएल को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। एनसीएलएटी से मिली राहत के बाद सोसयाटी के निवासियों ने राहत की सांस ली है।
आदेश की आड़ में परेशान करने का आरोप
सावा के महासचिव ललित चौहान और सचिव अनुराग गिरि ने बताया कि आरपी लगातार एनसीएलटी के आदेश की आड़ में लोगों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीएलटी के जिस आदेश के हवाला देकर आरपी गौरव कटियार ने 12 जुलाई को बिजली काट दिया था और 14 जुलाई से दोबारा काटने का नोटिस जारी कर किया था। उस आदेश में कहीं बिजली काटने के लिए नहीं कहा गया। चौहान ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान एनसीएलएटी ने भी कहा कि एनसीएलटी के आदेश में लिफ्ट बंद करने और बिजली काटने की कोई बात नहीं है।