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Greater Noida News: पुलिस के दबाव में नहीं आए किसान, तय समय पर ही करेंगे महापंचायत

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर होगी कल होगी महापंचायत, किसानों के अलावा विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता भी होंगे शामिल

ग्रेटर नोएडा। अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों की महापंचायत कल मंगलवार को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर ही होगी। किसान सभा के नेताओं का आरोप है कि पुलिस किसान नेताओं के घरों पर जाकर उन्हें महापंचायत में शामिल नहीं होने के लिए धमका रही है लेकिन पुलिस की धमकी का उन पर कोई असर नहीं हुआ है।

पक्का मोर्चा लगाकर करेंगे आंदोलन

किसान सभा के नेताओं का आरोप है कि 18 जुलाई के आंदोलन में किसानों को जाने से रोकने के मकसद से पुलिस गांवों में जाकर किसानों को डराने की कोशिश कर रही है। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि इटेड़ा पतवारी खोदना खुर्द सादोपुर पाली घंगोला एवं अन्य गांवों में संबंधित पुलिस थानों के एसएचओ और पुलिसकर्मी जाकर किसान सभा नेताओं और अन्य सामान्य किसानों को भयभीत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने पहले भी किसानों को दबाने की कोशिश की थी लेकिन किसान बिना डरे, बिना रुके शांतिपूर्ण ढंग से अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर आंदोलन करते रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस को जरा भी इस बारे में गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि किसान उनके डराने या धमकाने से रुक जाएंगे बल्कि पुलिस को प्राधिकरण पर दबाव डालना चाहिए कि वह किए गए समझौते का पालन करें। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने पूर्व में भी 61 दिन के आंदोलन के दौरान किसानों को डराने, धमकाने, ढाई-ढाई लाख के मुचलके भरवाने की कोशिश की थी। किसानों को गिरफ्तार भी किया था। लाठीचार्ज भी किया था लेकिन वे बिना भयभीत हुए लगातार आंदोलन को चलाते रहे। पुलिस की कथित बर्बरता के कारण डीसीपी सेंट्रल रामबदन सिंह को अपने पद से हटना पड़ा। आंदोलन के कारण ही ग्रेटर नोएडा की कार्यवाहक सीईओ ऋतु माहेश्वरी को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से हटाया गया। अब नए सीईओ रवि कुमार एनजी के सामने चुनौती है कि वह किए गए समझौते के अनुसार कार्रवाई करें। अभी भी पुलिस अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है।

किसानों की खोदना खुर्द में हुई बैठक

आज किसानों की बैठक खोदना खुर्द में हुई। बैठक में किसान नेताओं ने विस्तार से पूर्व के आंदोलन और समझौतों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में 61 दिन तक दिन-रात चले धरने में 24 जून को राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर ने मध्यस्थता कर लिखित समझौता कराया था। समझौते के अनुसार 30 जून तक किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए हाई पॉवर कमेटी का नोटिफिकेशन किया जाना था और 15 जुलाई तक हाईपॉवर कमेटी को किसानों के मुद्दों पर फैसला लेना था। किसान सभा ने समझौते को मानते हुए अपना आंदोलन 15 जुलाई तक के लिए सांसद के धरनास्थल पर आकर आश्वासन देने के बाद स्थगित कर दिया था लेकिन 6 जुलाई को प्राधिकरण ने किसान सभा को अवगत कराया कि हाई पावर गठित कमेटी का गठन नहीं हो रहा है। इस तरह प्राधिकरण ने समझौते का उल्लंघन कर दिया। किसान सभा ने 7 तारीख को अपनी कमेटियों की बैठक बुलाकर सांसद और प्राधिकरण को 15 जुलाई तक का समझौते का पालन करने का वक्त देकर 18 जुलाई से किसानों का पक्का मोर्चा लगाकर आंदोलन करने की घोषणा कर दी थी।

किसान सांसद से बेहद नाराज

किसान नेताओं ने कहा कि समझौते के उल्लंघन के कारण क्षेत्र के किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों की यह नाराजगी प्राधिकरण और मध्यस्थ सुरेंद्र नागर के प्रति है। इस समझौते को प्राधिकरण से भी अधिक सांसद द्वारा किए गए कथित छल के रूप में देख रहे हैं।

बैठक में फिर उठाया गया मुद्दा

आज किसान सभा की जिला एक्शन कमेटी की बैठक में इस मुद्दे को फिर उठाया गया। सभी ने एकमत से पुलिस की कार्रवाई को नाजायज गैरकानूनी गैर संवैधानिक करार देकर निंदा की। बैठक की अध्यक्षता नरेंद्र भाटी ने की। संचालन सूबेदार ब्रह्मपाल ने किया। बैठक में सर्वसम्मति से कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन को शुरू करने और उसकी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के बारे में प्रस्ताव पास हुआ। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने बैठक में कहा कि हमें प्राधिकरण पर पहले भी विश्वास नहीं था। सांसद ने बीच में आकर मध्यस्थता का आश्वासन दिया तो हमने सांसद और प्राधिकरण को अपना वादा पूरा करने का मौका दिया परंतु जैसे कि आशंका थी प्राधिकरण अपने वादे से मुकर गया और सांसद भी प्राधिकरण को वादे के अनुसार कार्रवाई करवाने में असफल रहे। सूबेदार ब्रह्मपाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 10% आबादी प्लाट रोजगार नए कानून के अनुसार किसानों को लाभ भूमिहीनों का 40 वर्ग मीटर का प्लाट, आबादी, 120 वर्ग मीटर का न्यूनतम प्लॉट साइज आदि सहित सभी मसलों पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है। नए सीईओ के सामने चुनौती है कि वह किसानों से हुए ताजा समझौते का पालन करते हुए तुरंत किसानों की समस्याओं को निपटाएं। बैठक में जगबीर नंबरदार, गवरी मुखिया, सतीश यादव, प्रशांत भाटी, मोहित नागर, हरेंद्र खारी, अजय पाल भाटी, निशांत रावल, अजब सिंह नेताजी सहित जिला एक्शन कमेटी के सभी लोग उपस्थित रहे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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