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मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की उठी मांग, नोएडा के इस नेता ने कहा, गुर्जर समाज के किसी महापुरुष के नाम होना चाहिए रेलवे स्टेशन का नाम

ग्रेटर नोएडा : उत्तर रेलवे क्षेत्र के दिल्ली- अलीगढ़ रेल मार्ग पर गाजियाबाद और दादरी के बीच स्थित मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठी है। नोएडा के नेता और गुर्जर समाज के एक बड़े चेहरे ने समाज के महापुरुष के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम रखने की मांग की है।
कर्मवीर नागर प्रमुख ने मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि गुर्जर समाज के किसी महान पुरुष के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम रखा जाना चाहिए। मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से इस क्षेत्र की जन भावनाओं का सम्मान होगा।यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा और दादरी विधानसभा क्षेत्र की सीमांतर्गत आता है। इस स्टेशन के इर्द-गिर्द दूर-दूर तक गुर्जर जाति का बाहुल्य है। दादरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक भी तेजपाल नागर भी गुर्जर समाज से ही ताल्लुकात रखते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां पर यह स्टेशन स्थित है वहां मारीपत नाम से न कोई गांव है, न कोई कस्बा है और ना ही ऐसा कोई ऐतिहासिक नामोनिशान है जिसकी वजह से इस रेलवे स्टेशन का नाम मारीपत रखा गया हो। इसीलिए जनता चाहती है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र के बीच स्थित इस स्टेशन का नाम मारीपत से बदलकर किसी ऐसे महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध उद्योगपति अथवा किसी सर्वमान्य व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाय जो गुर्जर समाज से ताल्लुकात रखता हो।
उन्होंने स्व.राजेश पायलट का नाम लेते हुए कहा कि मारीपत स्टेशन से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्व श्री राजेश पायलट का पैतृक गांव वैदपुरा स्थित है जहां पर उनका समाधि स्थल और स्व राजेश पायलट के नाम से अस्पताल भी निर्मित है। इसके अतिरिक्त स्व. चौधरी वेदराम नागर का नाम भी इस क्षेत्र का काफी चर्चित और लोकप्रिय नाम है। अगर धार्मिक आस्था की दृष्टि से नजर डालें तो इस क्षेत्र में दादी सती काफी पूज्यनीय है। इसी तरह अगर ऐतिहासिक महापुरुषों पर नजर डालें तो बिजोलिया किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले गुर्जर समाज से ताल्लुकात रखने वाले श्री विजय सिंह पथिक और गुर्जर सम्राट मिहिर भोज जैसे नामों पर भी इस स्टेशन का नाम रखने के लिए विचार किया जा सकता है।
अगर रेल मंत्रालय और भारत सरकार मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गुर्जर समाज के किसी महापुरुष के नाम पर रखती है तो यह इस क्षेत्र की जन भावनाओं का बहुत बड़ा सम्मान होगा और इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत बड़ा तोहफा माना जाएगा।

Sitesh Kumar

मेरा जन्म 25 फरवरी 2000 को बिहार के छपरा जिले में हुआ था। पत्रकारिता मेरे लिए करियर के साथ-साथ जुनून भी है। मैंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से BJMC की है। मैंने TV 100 National News में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। इसके साथ ही कुछ महीने तक हरिभूमि में सब एडिटर के पद पर रहा । वर्तमान में मैं Federal Bharat News के साथ बतौर रिपोर्टर के रूप में कार्य कर रहा हूं। मुझे पढ़ना और दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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Sitesh Kumar

मेरा जन्म 25 फरवरी 2000 को बिहार के छपरा जिले में हुआ था। पत्रकारिता मेरे लिए करियर के साथ-साथ जुनून भी है। मैंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से BJMC की है। मैंने TV 100 National News में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। इसके साथ ही कुछ महीने तक हरिभूमि में सब एडिटर के पद पर रहा । वर्तमान में मैं Federal Bharat News के साथ बतौर रिपोर्टर के रूप में कार्य कर रहा हूं। मुझे पढ़ना और दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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