Greater Noida News : किसानों ने प्राधिकरण के अधिकारियों पर लगाया कॉलोनाइजरों के साथ मिलीभगत का आरोप, सीईओ से जांच की मांग
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शनिवार को भी किसानों का धरना जारी रहा। धरने के 87 वें दिन किसानों ने प्राधिकरण के अधिकारियों पर कॉलोनाइजरों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
शनिवार को धरने को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि आंदोलन का मकसद 10% आबादी प्लाट, भूमिहीनों के प्लाट, रोजगार, नए कानून के लाभ को लागू कराना है। इन मुद्दों को हल किए बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि आंदोलन लगातार जन आंदोलन में तब्दील होता जा रहा है। अधिकारियों और सरकार के पास मुद्दों को हल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। किसान सभा के उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि प्राधिकरण के कुछ शीर्ष अधिकारी कॉलोनाइजरों एवं बिल्डरों के साथ मिलीभगत कर अनाधिकृत कॉलोनियों को कटवा रहे है। जन विरोधी अधिकारी किसानों की आबादियों को तोड़ने के लिए बुलडोजर भेज देते हैं और दूसरी तरफ भ्रष्टाचार कर अवैध कॉलोनियां कटवा रहे हैं। नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इस भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करानी चाहिए। किसान सभा के जिला सचिव संदीप भाटी ने कहा कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी ने 12 आज तक का समय मांगा है। 12 अगस्त व 13 अगस्त को बातचीत के नतीजे यदि किसानों के प्रतिकूल नहीं आए तो हजारों की संख्या में किसान प्राधिकरण का घेराव करेंगे । सुनील फौजी ने कहा कि नए कानून का उल्लंघन कर जमीनों की खरीदने हो रही हैं और जिन किसानों की खरीदें की गई हैं उनको नए कानून के पुनर्वास के लाभ से वंचित किया गया है क्षेत्र में भारी आक्रोश है।
सीटू नेता कामरेड सेलक भाटी नेकहा कि सीटू संगठन किसान सभा के साथ है आगे भी साथ रहेगा। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष ईद्र प्रधान ने कहा कि पल्ला गांव में नई भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग शुरू से कर रहा है परंतु सरकार ने जानबूझकर डीएमआईसी प्रोजेक्ट में अधिग्रहित जमीनों से प्रभावित किसानों को नए कानून के पुनर्वास के लाभों से वंचित रखा है सर्किल रेट को 2012 से जानबूझकर नहीं बढ़ाया है।