कैसे दबोचा गया गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया ?
साउथ दिल्ली से बेहद खतरनाक गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। तीस साल का ये बेहद शातिर बदमाश फर्जी कागजातों के ज़रिए जमानत लेकर फरार हो गया था। प्रिंस पर दिल्ली के विभिन्न थानों में हत्या, कातिलाना हमले, जबरन वसूली समेत कुल 15 केस दर्ज हैं। बताते हैं कारोबारियों के बीच उसका इतना खौफ था कि वो उसके नाम से कांपते थे। इसका एक बड़ा कारण एक ज़माने में हाशिम बाबा का उस पर वरदहस्त होना था। तब हाशिम बाबा के तार अबू सलेम से जुड़े होने के चर्चे आम थे। इसी गिरोह का दहशत का फायदा उठाकर प्रिंस तेवतिया ने अपना खौफ पैदा कर लिया था। हाशिम बाबा की तरह प्रिंस भी अबू सलेम को अपना हीरो मानता था। संजय दत्त की गैंगस्टर मूवी उसको सबसे ज़्यादा पसंद थी। दिल्ली के खानपुर की दुग्गल कॉलोनी निवासी प्रिंस केवल 10वीं पास है। परिवार में एक भाई और बहन हैं। पिता डीडीए से रिटायर हैं। स्कूलिंग के दौरान की प्रिंस मोहल्ले के बदमाश लड़कों के साथ उठने बैठने लगा था। वहीं से उसे ज़रायम की दुनिया का रास्ता मिला। उसके बेशुमार खर्चे जब घरवाले पूरे नहीं कर पाए तो उसने अपराध की दुनिया में क़दम रख दिया। बताते हैं कि उसकी गैंगस्टर रोहित चौधरी के साथ
साउथ दिल्ली में वर्चस्व की जंग चलती रहती है। रोहित इस समय मकोका के तहत तिहाड़ जेल में बंद है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल वीरेंदर को सूचना मिली कि प्रिंस द्वारका में है। तफ्तीश में पता चला कि वह 15 सितंबर तक परोल लेकर आया था, लेकिन फिर जेल नहीं लौटा। उसने 16 सितंबर को जमानत बढ़वाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगवाई थी, जिसे ठुकरा दिया गया था।
इससे पहले अक्टूबर 2019 में भी स्पेशल सेल ने प्रिंस के पैर में गोली मार दबोचा था। सात महीने जेल में रहने वाले बाद प्रिंस 2020 में बाहर आया। कोर्ट में फर्जी कोरोना रिपोर्ट जमा कराई तो तिलक मार्ग थाने में जालसाजी का केस दर्ज हुआ। वजीराबाद और प्रीत विहार में रंगदारी के लिए फायरिंग, जबकि वजीराबाद में हत्या को अंजाम दिया। स्पेशल सेल ने अक्टूबर 2020 में उसे फिर पकड़ लिया, जिसके बाद से वह जेल में था। कुछ समय पहले पत्नी के इलाज के लिए 15 सितंबर तक उसने अंतरिम जमानत ली। इसके बाद से वह फरार चल रहा था, जिसे अब दबोचा गया गया।
फेडरल भारत के लिए नवीन निर्मल की रिपोर्ट