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राजनीति

किसानों के रेल रोको आंदोलन का कितना असर ?

आम जनता को क्यों परेशान कर रहे हैं किसान नेता ?

लखीमपुर खीरी कांड में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को हटाने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने पूरे देश में रेल रोको आंदोलन चलाया। सोमवार को छह घंटे तक चले आंदोलन का मिला जुला असर रहा। रेलवे के सीपीआरओ ने कहा है कि आंदोलन की वजह से उत्तर रेलवे जोन में 30 स्थान प्रभावित हुए हैं। किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग ये कहते दिखे कि सरकार से लड़ाई में किसान संगठन आम जनता को क्यों परेशान कर रहे हैं ।

चंडीगढ़ जाने वाली ट्रेन के यात्रियों का कहना है कि रेल रोको आंदोलन के कारण एसएएस नगर जिले की डेरा बस्सी तहसील के दप्पर स्टेशन पर ट्रेन को रोके जाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा के बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल को तैनात किया गया था। बावजूद इसके पंजाब और हरियाणा में बन्द का खासा असर देखने को मिला। इसके अलावा यूपी, राजस्थान, महाराष्ट् की ओर जाने वाली ट्रेनों के रूट पर असर पड़ा। कई जगह प्रदर्शनकारी ट्रैक पर पहुंच गए, जिन्हें मुश्किल से पुलिस ने हटवाया। यूपी में कई जगह किसानों और पुलिस के बीच झड़प  हुई।

संयुक्त किसान मोर्चा ने जारी बयान में कहा है कि लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र को मंत्री पद से बर्खास्त करके तुरंत गिरफ्तार करें ताकि लखीमपुर खीरी हिंसा में न्याय सुरक्षित किया जा सके। इसके लिए रेल रोको आंदोलन के जरिए सरकार पर दबाव बनाया गया।  प्रदर्शनकारियों से रेलवे की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील भी की गई। किसान संगठन सरकार पर दबाव बनाने के लिए लंबे समय से आंदोलन चला रहे हैं।

 

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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