‘किसानों से समझौता न किया तो बुरी तरह हारेगी बीजेपी’
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार को सुनाई ‘खरी-खरी’
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयानों से बीजेपी आलाकमान खासा परेशान महसूस करेगा। पश्चिमी यूपी के बड़े नेता माने जाने वाले सत्यपाल मलिक को मोदी सरकार ने ही राज्यपाल बनाया था। पहले वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे और अब मेघालय के राज्यपाल हैं। मलिक ने बीजेपी आलाकमान से दो टूक कहा है कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानीं तो यूपी में बीजेपी का हारना तय है। मलिक यहीं नहीं रुके, कश्मीर में बढ़ती हिंसा को लेकर उन्होंने दावा किया कि “मेरे रहते हुए कोई आतंकवादी श्रीनगर के 50-100 किलोमीटर के दायरे में घुस नहीं सकता था। अब श्रीनगर शहर में घुसकर मार रहे हैं।” मलिक ने यह भी कहा कि, आतंकी गरीब लोगों को मार रहे हैं, इन घटनाओं का मैं विश्लेषण नहीं कर सकता, यह दर्दनाक है।
आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक को हटाकर ही मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया था। मलिक के बयान से लग रहा है कि खुद को हटाए जाने से कहीं न कहीं वह आहत थे, तभी अब जाकर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकी घटनाएं देखी जा रही हैं। आतंकवादी पिछले कुछ दिनों से आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। जिसमें अल्पसंख्यकों की संख्या अधिक है। बीते रविवार की शाम में आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक घर में घुसकर दो श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।
झुंझनू में पत्रकारों से बात करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि, सरकारों का मिजाज आसमान पर पहुंच जाता है। लोगों की तकलीफ नहीं दिखती। अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गईं तो यह सरकार ( यूपी में बीजेपी की) दोबारा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार MSP पर गारंटी दे तो तीनों कानूनों के मामले पर मैं किसानों को मना लूंगा। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसान MSP गारंटी कानून से कम पर समझौता नहीं करेगा। किसानों को केवल यही चाहिए।
मलिक के इन तीखे बयानों के बाद बीजेपी आलाकमान असहज महसूस कर रहा है। राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है, इसलिए उनके बयानों को बीजेपी का बयान नहीं माना जा सकता है, ऐसे में पश्चिम यूपी के किसानों को लेकर उनकी चिन्ता बीजेपी के लिए खतरे की घंटी ज़रूर है।