कन्हैया कुमार ने बढ़ा दी है लालू यादव की टेंशन ?
बिहार उपचुनाव प्रचार में तेजस्वी के सामने होंगे कन्हैया कुमार
बिहार विधानसभा के चुनावों के दौरान नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए को महागठबंधन ने टक्कर दी थी। तब आरजेडी से तेजस्वी यादव और सीपीआई से कन्हैया कुमार स्टार प्रचारक थे। अब कन्हैया कुमार कांग्रेस में आ गए हैं। बिहार की दो सीटों
तारापुर और कुशेश्वर स्थान में उपचुनाव होने जा रहा है। समझौता न हो पाने के कारण आरजेडी और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है कि उसमें कन्हैया कुमार का नाम सबसे ऊपर है। वैसे भी कन्हैया बिहार के ही हैं और बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़े भी थे। उधर जेल से ज़मानत पर बाहर चल रहे लालू यादव की टेंशन तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार के बीच चुनावी टक्कर को लेकर है। हालांकि अगर लालू एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें तो ये मुकाबला अभी भी टल सकता है। इसीलिए लालू यादव दबाव में बताए जा रहे हैं। भले ही नीतीश की पार्टी को इन उपचुनावों से कोई ज़्यादा असर न पड़ता हो लेकिन कांग्रेस के लिए कन्हैया कुमार को लांच करने से सीधे मुकाबले पर तेजस्वी आ गए हैं।
सियासी जानकार बताते हैं कि लालू यादव ने भरसक कोशिश की थी कि कन्हैया कुमार उनकी पार्टी में आ जाएं। इसलिए उन्होंने अब तक कन्हैया से कभी तेजस्वी की तुलना भी नहीं होने दी। लेकिन शायद कन्हैया कुमार जानते हैं कि क्षेत्रीय पार्टी में जाकर उनकी उड़ान छोटी पड़ जाएगी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को तरजीह दी। ज़मानत पर बाहर आए लालू यादव आजकल दिल्ली में अपनी सांसद बेटी मीसा भारती के आवास पर रहकर चुनावी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं।
वैसे बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन रहा है। लेकिन कांग्रेस से टकराव की नींव आरजेडी की तरफ से ही रखी गयी। कांग्रेस का आरोप है कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया और बगैर सलाह मशविरा किये अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। आरजेडी ने कुशेश्वर स्थान से गणेश भारती और तारापुर से अरुण कुमार साह को उम्मीदवार बनाया है। इसके जवाब में कांग्रेस ने भी कुशेश्वर स्थान से अतिरेक कुमार और तारापुर से राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया। एनडीए की तरफ से तारापुर से राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वर स्थान से जेडीयू के अमन भूषण हजारी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। हालांकि इस चुनाव से मौजूदा सत्ता समीकरण में कोई भारी बदलाव नहीं आएगा, लेकिन तेजस्वी की तेजी और कन्हैया कुमार के स्टारडम का मुकाबला ज़रूर होगा। ये भी हो सकता है कि दोनों की लड़ाई में बाजी फिर एनडीए के हाथ लग जाए।