ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक हुआ अहम फैसला, 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना मिलने का रास्ता साफ, किसानों को भी राहत
ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है।
ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है। औद्योेगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता मेें मंगलवार को आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डॉ एम लोकेष समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
दरअसल, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 26 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक मेें प्रस्ताव रखे गए। फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी। अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है। कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी। प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी। परियोजना की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी। प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित करेंगे। प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा। बकाया राशि का सत्यापन एक स्वतंत्र सीए करेगा। इस पॉलिसी से लाभान्वित परियोजना के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी।
बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा। सौ करोड़ रुपये तक के बकाये की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी। 500 करोड़ रुपये तक की राशि दो वर्षों में तथा इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी। ड्यूज का 25 फीसदी धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी। फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा। प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा।
किसानों के लिए ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड ने खोला राहत का पिटारा
गेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बैठक में किसानों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है। प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालयों के आदेशों से संबंधित अधिसूचनाओं के समस्त किसानों को 10 फीसदी विकसित आबादी भूखंड भी दिए जाने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने सहमति दे दी है। अब इसे शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के उपरांत इसे लागू किया जाएगा। वहां से अप्रूवल के बाद किसानों को अधिग्रहित जमीन का 10 फीसदी (अधिकतम 2500 वर्ग मीटर) मिल सकेगा। इससे लंबे समय से किसानों की लंबित मांग पूरी हो जाएगी। पात्र किसानों को आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे। विकसित भूखंड का आवंटन शीघ्र भूमि अर्जित कर दिया जाएगा। अगर किसी पात्र किसान ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उसे स्वेच्छा से अवैध कब्जा हटा लेने के बाद ही भूमि का आवंटन किया जाएगा। किसानों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आरक्षित या आवंटित भूखंड 2500 वर्ग मीटर से अधिक नहीं है।
इस बाबत किसान की तरफ से अगर कोई याचिका या फिर विषेष अनुज्ञा अपील की गई है तो उसे वापस लिया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। किसानों की दूसरी मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने आपसी सहमति से भूमि विक्रय करने वाले किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत परियोजना प्रभावित मानकर उन्हें भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन के हिसाब से उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 (नये भूमि अधिग्रहण कानून) के तहत लाभ दिए जाने पर सकारात्मक फैसले के लिए शासन के पास भेजने पर हरी झंडी दे दी है। किसानों की तीसरी मांग के रूप में प्राधिकरण बोर्ड ने वेंडिंग जोन में किसानों को 33 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा किसानों की ही मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने लीज बैक के 533 में से शासन से अनुमोदित 296 पात्र किसानों को लीज बैक करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्द ही पात्र किसान लीज बैक करा सकेंगे। इन फैसलों से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिल सकेगा।