ट्रेन के साथ ट्रकों से भी होगी कोयले की ढुलाई
बुंदेलखंड के बिजली निगम के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में ऊर्जा मंत्री ने दी जानकारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गहराते बिजली संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए कोयले की ढुलाई रेल मार्ग के साथ ही सड़क मार्ग से भी करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली निगम के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में दी। उन्होंने बताया कि बिजली निगम की तापीय इकाइयों के लिए कोयले की ढुलाई अब तक सिर्फ रेल मार्ग के जरिये होती रही है लेकिन बिजली आपूर्ति के संकट को दूर करने के लिए सड़क मार्ग से भी कोयले की ढुलाई का निर्णय लिया गया है।
बैठक में उन्होंने बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के ले पारीक्षा की उत्पादन इकाई को अधिकतम उत्पादन के साथ फिर से शुरू करें। उन्होंने बिजली वितरण और पारेषण (ट्रांसमिशन) से जुड़े अधिकारियों और कमर्चारियों से अनुरोध किया कि वे अवकाश के दिनों में बिजल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए काम करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता से बराबर संवाद बनाए रखने और जनप्रतिनिधियों से संपर्क में रहने का अनुरोध किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वे ट्रांसफ़ॉर्मर की तुरंत उपलब्धि के लिए ज़िले के साथ ही उप केंद्र स्तर पर भी ट्रान्सफ़ॉर्मर उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसी के साथ ही वे अन्य अन्य मेटीरियल भी उपलब्ध कराने एवं अतिरिक्त वाहन रखकर रिपेयरिंग के कार्य को प्राथमिकता से करने को कहा,जिससे पेड़ गिरने और लटकते तार लड़ने जैसे कारणों से आपूर्ति बाधित न हो।