जानिए कौन है किसानों का मसीहा, दिल्ली में लागू हुई धारा-144
हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी आप सरकार ने उन्हें सीमित करने के लिए एक स्टेडियम को जगह में बदलने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा है कि किसानों की मांगें वास्तविक हैं और उन्होंने ष्स्टेडियम को जेल में बदलने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी। दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा किसानों की मांगें वास्तविक हैं। दूसरे शांतिपूर्ण विरोध करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए किसानों को गिरफ्तार करना गलत है।ष् उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। देश के किसान हमारे अन्नदाता हैं और उन्हें गिरफ्तार करके उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना उन पर नमक छिड़कने जैसा होगा।
ये हैं मांगे
किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपीद्ध की गारंटी का कानून पेंशन और बीमा लाभ सहित कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई दौर की बैठकों के बाद भी किसानों और केंद्र के बीच बातचीत सफल नहीं हो पाई है।
दिल्ली को किले किया तब्दील
किसानों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी को किले में बदल दिया गया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती दिल्ली की सीमाएं सील कर दी गई हैं। सीमा पर किसानों को रोकने के लिए सीमेंट के अवरोधकों से लेकर रेत की बोरियों से लेकर टायरों की हवा निकालने वाली मशीनों तक पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है।
आंसू गैस छोड़ी गई
पंजाब.हरियाणा सीमा पर दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस छोड़ी गईं। दिल्ली मेट्रो के 8 स्टेशनों पर कई गेट बंद किए गए। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा ष्कुछ मुद्दों पर हमें राज्यों से परामर्श करने की आवश्यकता होगी। हम कोई रास्ता निकालेंगे। दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। बड़ी सभाओं और किसी भी प्रकार के विरोध मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सीमा पार वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
जनिए कौन हैं किसान नेता पंधेर
किसान नेता सरवन ंिसंह पंधेर पंजाब के अमृतसर के हैं। वे माझा के किसान संगठन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव हैं। किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर सतनाम सिंह पन्नू ने 2007 में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का गठन किया था। पंधेर इसी संगठन का बड़ा चेहरा हैं। 13 साल पुरानी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का कार्यक्षेत्र अमृतसर है हालांकि पंजाब के सात.आठ जिलों के किसान और खेत मजदूर इनके साथ जुड़े हैं।