सुप्रीम कोर्ट ने सहमति से रेप के मामले में दिया बड़ा फैसला, आरोपी को बरी कर दे डाली नसीहत
दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सहमति से रेप के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया और दुष्कर्म के ऐसे मामलों में एक बड़ा सन्देश भी दे डाला। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति से रेप के मुकदमों को दुष्कर्म कहने को अब पूरी तरह खारिज कर दिया। इस आदेश के बाद देश में कई हज़ार मुकदमों में आरोपी बनाये गए लड़कों के लिए राहत भरा फैसला आया है।
मध्यप्रदेश के सतना में विवाहित महिला का एक पुरुष से अफेयर हो गया। उससे दोस्ती हो गई और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। जिसके बाद महिला ने सितंबर 2020 में यह कहते हुए पुरुष पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया कि उस व्यक्ति ने उससे विवाह का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए हैं। महिला ने यह भी कहा कि उसके विवाह का वादा होने के बाद ही अपने पति को तलाक देने के लिए मुकदमा दायर किया था, लेकिन बाद में राजेश उससे विवाह करने से मुकर गया और यह दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, जानिये
अब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक विवाहित महिला के द्वारा किसी पुरुष से विवाह का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने के मामले में पुरुष साथी पर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया जा सकता। स्वयं विवाहित होने के बाद भी किसी पुरुष को विवाह का वादा करना अनैतिक है। ऐसे में विवाह संबंध न हो पाने की स्थिति में पुरुष साथी पर दुष्कर्म का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने वाले वकील अश्वनी दूबे ने फैसले की जानकारी मीडिया को दी।