उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

निठारी कांड की हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर ने सजा के खिलाफ की है अपील

 

नोएडा। यहां के बहुचर्चित निठारी कांड की इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हो गई है। निठारी कांड समूचे देश में सालों तक सुर्खियों में रहा था। इस देशी विदेशी मीडिया ने व्यापक कवरेज दी थी। नोएडा के निठारी कांड मे आरोपित सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की सजा के खिलाफ अपीलों की सुनवाई बृहस्पतिवार को सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ कर रही है।

सुरेंद्र कोली पर नाबालिग बच्चियों से दुराचार करने, उनकी हत्या कर मांस खाने, कंकाल नाले में फेंकने जैसे रोंगटे खड़े कर देने वाले घिनौने अपराध करने का आरोप है। मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी का केयर टेकर कोली लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था। पंढेर पर भी बालिकाओं से दरिंदगी करने का आरोप है।

सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने कोली को कई मामलों में फांसी की सजा सुना चुकी है। एक मामले में सजा पर अमल में देरी के कारण उच्च न्यायालय ने फांसी को आजीवन कैद में तब्दील कर दिया। पंढेर को भी कुछ मुकदमों में फांसी तो अधिकतर में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सजा के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। इससे पहले कोर्ट के आदेश पर मेडिकल जांच रिपोर्ट आरोपित को दी जा चुकी है। अब सजा के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई है।

उल्लेखनीय है कि सुरेंद्र कोली उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले का रहने वाला है जो पहले दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के आवास पर खाना बनाता था फिर 2003 में मनिंदर सिंह पंढेर के पास नोएडा में सेक्टर 31 की उसकी कोठी में आ गया था। पंढेर का परिवार पंजाब चला गया तो वे दोनों कोठी में रहने लगे। इसी दौरान कोठी की देखभाल की जिम्मेदारी निभाने वाले सुरेंद्र ने कई बच्चियों को अगवाकर उनसे हैवानियत की थी।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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