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सुपरटेक इको विलेज एक में आठ घंटे से बिजली को लेकर हाहाकार, लोगों ने लगाया बिल्डर पर बिजली के बिल में लाखों की हेराफेरी का आरोप

ग्रेटर नोएडा वेस्ट : भीषण गर्मी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। सुबह 10 बजे से सोसाइटी में बिजली गायब है। बिल्डर पर सोसाइटी के लोगों ने बिजली के बिल में लाखों की हेराफेरी का आरोप लगाया है।

दोगुनी से अधिक राशि वसूलने के आरोप
निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी में बिजली के फिक्स्ड लोड के नाम पर दोगुनी से भी ज्यादा राशि वसूल की जा रही है।सोसाइटी के निवासी संजय शर्मा का कहना है कि पिछले दो सालों से कई बार बिल्डर और रख रखाव टीम को इस अवैध वसूली के लिए कई बार पत्र और मीटिंग के जरिए बता रहे है।इस बाबत एनपीसीएल ,प्राधिकरण तथा संबंधित विभागों में लगातार शिकायत दे रहे हैं पर अभी तक इतने बड़े घोटाले को लेकर इंसाफ नहीं मिला है।उनका कहना है की पिछले साल महिंद्रा,शशिभूषण,डी पी मिश्रा,शैलेश एवम कई निवासियों ने जनवरी में NPCL पर दबाव बनाकर यहां के बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर का सर्वे कराया, जिसकी रिपोर्ट आने पर यहां के बिजली बुनियादी ढांचे की दयनीय स्थिति का पता चला और फिक्स्ड चार्जेस के अधिक वसूली का खुलासा NPCL से प्राप्त जानकरी और आंकड़ों के आधार पर किया गया।

बिल्डर ने दिया 50 टावर का पजेशन
सोसाइटी में अभी 50 टावर्स का पोजेशन दिया गया है, जिसमें कूल 7932 फ्लैट है, जिसमें करीब 6500 फ्लैटों में परिवार रह रहे है और अगर औसत लोड प्रत्येक आवासी को 2.5 kw के हिसाब से देखें तो कुल 16250 Kw का लोड निवासियों से चार्ज किया जा रहा है। वर्तमान में 6500 फ्लैट में निवासी रह रहे हैं। जिसके हिसाब से फिक्स्ड चार्जेज के नाम पर बिल्डर द्वारा लगभग रु 16,90,000 वसूल किया जा रहा है।

निवासियों का आरोप, ऐसे हो रहा है घोटाला
NPCL से प्राप्त जानकारी और बिजली बिल के अनुसार बिल्डर ने 4300 Kw का लोड NPCL से स्वीकृत करा रखा है जो कि डिमांड लोड 16250 Kw से बहुत कम है। इसको रुपए की वैल्यू में देखें, तो NPCL फरवरी महीने में रु 3,61,553.42 का फिक्स्ड चार्ज बिलिंग किया है। इस पर पांच प्रतिशत Electricity Duty और 5% Additional Charges जोड़ने के बाद ये राशि रु 3,97,708 होती है जो कि सुपरटेक इको विलेज एक के सभी निवासियों से फिक्स्ड चार्ज वसूल कर सकता है ,लेकिन इसकी जगह 6500 ओनर्स से अनुमानतः रु 16,90,000 वसूल किया जा रहा है इस प्रकार रु12,92,292 प्रत्येक माह ज्यादा लिया जा रहा है। यही फिक्स्ड चार्ज 7932 फ्लैट्स के हिसाब से देखे तो बढ़कर रु 20,62,320 हो जाता है यानी बिल्डर के लिए रु 16,64,612 प्रति माह की एक्स्ट्रा कमाई जबकि इको बाजार और अंडर कंस्ट्रक्शन कार्य का बिजली बिल अलग से जोड़ना पड़ेगा।

क्या कहता है इलेक्ट्रिसिटी एक्ट
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो Tariff Order 2019-20 पारित किया गया है उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में बल्क लोड के लिए लाइसेंसी या फ्रेंचाइजी निर्धारित मूल्य से अधिकतम पांच प्रतिशत Additional Charges से अधिक नहीं वसूल कर सकेगा। इसके अतिरिक्त फ्रेंचाइजी द्वारा अपने एकाउंट्स की जांच प्रत्येक तीन माह में सीए से कराई जाएगी और जांच अकाउंट उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। बिल्डर द्वारा कॉमन एरिया में उपयोग की गई विद्युत आपूर्ति को नापने के लिए एक अलग मीटर का प्रयोग किया जाना चाहिए। Section 142 of the Electricity Act 2003 एवं Uttar Pradesh Electricity Supply Code 2005 में यह प्रावधान है कि फ्रेंचाइजी या बिल्डर विद्युत बिल के बहाने कोई भी लाभ अर्जित नहीं कर सकता। फिक्स्ड चार्ज के रूप में सुपरटेक जितनी राशि वसूल कर रहा है ,वह NPCL को एक चार्ज के रूप में अदा की जाने वाली राशि से ज्यादा नहीं हो सकती। लेकिन सुपरटेक फिक्स्ड चार्ज के रूप में ली गई धनराशि को Pro-rata के आधार पर वसूल करें जो व फिक्स चार्ज के रूप में NPCL को अदा कर रहा है।

बिल्डर पर आरोप, नहीं हो रही कार्रवाई
सोसाइटी के निवासी महिंद्रा कुमार महिंद्रा,मुकेश ओझा,शशिभूषण शाह,विमल गुप्ता,आनंद पाल,सतेंद्र जी,संदीप दुबे,आशीष बिजपुरिया,कमल कुलश्रेष्ठ,हिमांशु गुप्ता,आशुतोष जी,वीरेंद्र जी तथा अन्य कई निवासियों ने कहा की यहां उपरोक्त शोषण और बिजली समस्या के अलावा और भी कई समस्या चरम पर है। जिसके लिए बिल्डर प्रतिनिधि नीतीश अरोड़ा को 19 मई को हुई मीटिंग में अवगत करा दिया गया है। अगर इस बार समय पर मांग पूरी नहीं हुई तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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