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सफेद दूध का काला कारोबार : सिकंदराबाद में पकड़ा 1400 लीटर नकली दूध से भरा टैंकर, दिल्ली-एनसीआर में होती थी सप्लाई

बुलंदशहर/नोएडा : प्रतिदिन दूध का सेवन अधिकांश लोगों की डाइट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेहत के लिए फायदेमंद समझकर जिस दूध का सेवन आप कर रहे हैं असली है या नकली। प्रमुख ब्रांडों के अलावा बाजार में नकली अथवा सिंथेटिक दूध की सप्लाई भी बड़े पैमाने पर हो रही है। बुलंदशहर के खाद्य विभाग ने सिकंदराबाद से सिंथेटिक दूध से भरे प्रतिष्ठित डेयरी के टैंकर को पकड़कर सफेद दूध के काले धंधे का खुलासा किया है। सिंथेटिक दूध की सप्लाई दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं आसपास की शहरों में बेरोकटोक की जा रही थी।

ऐसे हुए सफेद दूध के काले धंधे का खुलासा

बुलंदशहर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित गौतम के अनुसार, खाद्य विभाग को सूचना मिली कि टैंकर में भरकर सिंथेटिक दूध ले जाया जा रहा है। टीम ने सिंकरादाबाद में दूध से भरे टैंकर को जब्त किया। इसमें 1400 लीटर दूध था। मौके से बरौली के टैंकर के चालक नीतेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। इसकी निशानदेही पर स्याना थाना क्षेत्र के शेखपुरा गढ़वा में स्थित पवन डेयरी में सिंथेटिक तैयार किया जा रहा है। मौके से सिंथेटिक दूध में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे पाउडर, रिफाइंड, ग्लूकोज जब्त किया गया। डेयरी से लिए गए दूध के चार नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

कैसे तैयार होता है सिंथेटिक दूध
खाद्य सुरक्षा अधिकारी गौतम के अनुसार, मिल्क पाउडर में केमिकल, रिफाइंड और ग्लूकोज की मदद से यह दूध तैयार किया जा जाता है। इसे लंबे समय तक संरक्षित रखने के लिए यूरिया की मात्रा भी मिलाई जाती है। गौतम के अनुसार, सिंथेटिक दूध खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक है। कम उम्र में जिन बच्चों को मधुमेह जैसे बीमारियों की शिकायत मिल रही है, इसकी एक प्रमुख वजह सिंथेटिक दूध का सेवन भी है। कैंसर के रोग को भी यह दूध काफी बढ़ावा देता है।

कैसे करें सिंथेटिक या नकली दूध की पहचान
दूध का सही पोषण पाने के लिए असली और नकली दूध की पहचान करना सबसे जरूरी है। अगर आप चाहें तो कुछ तरीकों की मदद से मिलावटी अथवा नकली या सिंथेटिक दूध की पहचान की जा सकती है।

स्मैल से करें पहचान
असली दूध के मुकाबले सिंथेटिक दूध की स्मैल और टेस्ट काफी खराब होता है। नकली दूध को सूंघते समय इसमें से साबुन की सी स्मैल आती है। साथ ही आप दूध को उंगलियों पर लगाकर रब कर सकते हैं। इससे झाग बनने पर दूध में मिलावट की पहचान की हो सकती है।

फर्श पर करें टेस्ट
दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए स्लिप टेस्ट ट्राई करना सबसे आसान तरीका है। इसके लिए दूध की कुछ बूंदों को चिकनी या पालिश फर्श पर गिरा दें। गौर देखें, असली दूध की ड्रॉप बहते हुए पीछे निशान छोड़ देगी। जबकि सिंथेटिक दूध की बूंद से कोई निशान नहीं बनेगा।

खोया बनाकर करें असली-नकली की जांच
दूध की प्योरिटी का पता लगाने के लिए दूध का खोया बनाकर भी देखा जा सकता है। इसके लिए दूध को दो से तीन घंटों तक गैस पर रखकर धीमी आंच पर उबालें। इससे ओरिजनल दूध का खोया काफी साफ्ट बनेगा। वहीं अगर दूध मिलावटी होगा तो खोया काफी ठोस रहेगा।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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