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नोएडा ब्रेक्रिंग: स्क्रैप माफिया रवि काना को कोर्ट से झटका, गैंगस्टर एक्ट रद्द करने की मांग वाली याचिका को किया खारिज

नोएडा : गर्लफ्रेंड काजल झा को जमानत देने के बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्क्रैप माफिया रवि काना उर्फ रवि नागर की उस याचिका खाऱिज कर दिया, जिसमें गैंगस्टर एक्ट में दर्ज मुकदमे को खारिज करने की मांग की गई थी। इसे लेकर रवि का मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 थाना और नॉलेजपार्क थाना की पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट मुकदमे में दर्ज याचिका को खारिज करान के लिए काफी मजबूती से पैरवी की थी।

हाईकोर्ट में थी कई याचिकाएं
रवि काना ने ग्रेटर नोएडा के थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे को रद्द कराने के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं। इसके बाद कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशों के बाद पुलिस मामले की पैरवी में जुटी गई। ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 थाना और नॉलेजपार्क थाना की पुलिस की ओर से पेश वकील ने काफी मजबूती से पैरवी की और पूरे अपराधिक इतिहास और दर्ज मुकदमों की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित कराया गया। दोनों ओर की दलीलें सुनने के बाद रवि काना की याचिका खारिज कर दी गई। इसे पुलिस की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

बैंकाक से पकड़ा गया था रवि काना
मोस्ट वांडेट रवि काना को पुलिस ने थाइलैंड की राजधानी बैंकाक से उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा के साथ गिरफ्तार किया था। उसकी गैंगस्टर एक्ट के अलावा पुलिस को महिला से रेप के मामले में भी तलाश की। नोएडा और कई जगहों पर उसका स्क्रैप और सरिया ठेकेदारों से वसूली का बड़ा नेटवर्क था। पुलिस ने उसकी लगभग 100 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की थी।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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