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ऐसी भी क्या संवेदनहीनता!, भाजपा सांसद महेश शर्मा को गरीबों का दर्द बांटने की भी फुर्सत नहीं!!

नोएडा(फेडरल भारत न्यूज) : गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से तीसरी बार भाजपा के सांसद चुने गए डॉ. महेश शर्मा का सामाजिक सरोकार की राजनीति से क्या मोहभंग हो गया है? क्या उनके दिल में गरीबों और कमजोरो के लिए थोड़ी भी हमदर्दी नहीं?, यह प्रश्न राजनीतिक हलकों के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्रों में पूछा जाने लगा है। शहर बारिश के पानी में डूबे अथवा एक हादसे में तीन मासूम बच्चियों की जलकर मौत हो जाए, लेकिन सांसद के नाते डा. महेश शर्मा की कहीं उपस्थित नहीं नजर आती है। उन्हें शायद इतनी भी फुर्सत नहीं कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के आंसू पोछ सकें।

दो दिन पहले नोएडा के सेक्टर-8 की झुग्गी झोपड़ी में ई-रिक्शा बैट्री चार्जिंग के दौरान शार्ट सर्किट से धमाका हुआ और आग लग गई। इसमें तीन मासूम बच्चियों की जलकर मौत हो गई। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना से आसपास के क्षेत्र में मातम छा गया। स्थानीय लोग यह उम्मीद बांधे हुए थे कि इतने बड़े हादसे के बाद क्षेत्र के सांसद परिवार का ढांढस बंधाने और उनके प्रति संवेदना के दो शब्द कहने के लिए जरूर आएंगे। लोगों में दबी जुबान में चर्चा थी कि उन्हें गरीबों से शायद कोई सरोकार नहीं बचा है। इससे पहले भी लोकसभा क्षेत्र में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, परंतु सांसद ने किसी के साथ कोई दुख साझा करना भी जरूरी नहीं समझा। यद्यपि तीन दिन पहले सांसद महेश शर्मा ने सेक्टर 51 में उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत जरूर की थी। परंतु दुख की घड़ी में वह गरीबों के साथ खड़े नजर नहीं आए।

गौतमबुद्ध नगर में भाजपा का दबदबा

दरअसल, भाजपा समाज के ऐसे वर्गों की बहुत अधिक चिंता या परवाह नहीं करती है, इसकी एक बड़ी और प्रमुख वजह है कि गौतमबुद्धनगर को भाजपा के सर्वाधिक दबदबे वाली सीट माना जाता है। लोकसभा सीट के अलावा पांचों विधानसभा सीटों नोएडा, दादरी, सिकंदराबाद, जेवर एवं खुर्जा में भाजपा के ही विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के बाद भी लोकसभा में भाजपा के डा. महेश शर्मा अपनी जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। इससे भाजपा को यह गुमान हो गया है कि चाहे कैसे हालात हो जाएं, लेकिन गौतमबुद्ध नगर सीट पर भाजपा की जीत सुनिश्चित है। फिलहाल रिकार्ड भी भाजपा के पक्ष में नजर आता है। पर लोगों का मूड कब बदल जाए? इस बारे में कोई निश्चिंत होकर नहीं कह सकता है।

चार बार लड़े, तीन बार लगातार जीते

गौद्मबुद्ध नगर सीट के वर्ष 2009 में अस्तित्व में आने के बाद से वर्ष 2024 तक चार लोकसभा चुनाव हुए हैं। वर्ष 2009 में भाजपा ने डा. महेश शर्मा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह बसपा के सुरेंद्र सिंह नागर से हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2014 और वर्ष 2019 की मोदी लहर में डा महेश शर्मा ने शानदार जीत हासिल की। वर्ष 2024 में तमाम अटकलबाजियों के बीच भाजपा ने फिर उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सपा के महेंद्र सिंह नागर के खिलाफ पांच लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत की।

वैसे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2024 का चुनाव “अबकी बार 400 पार” के अतिमहत्वाकांक्षी नारे के साथ लड़ा गया था। भाजपा इस चुनाव में 240 के आंकड़े पर आकर थम गई। इनमें गौतमबुद्धनगर सीट का भी योगदान रहा। इस सीट को भाजपा के दबदबे की सीट माना जाता है। यहां नोएडा में बहुतायत में हाई राइजिंग सोसाइटीज के मतदाता हैं, जो भाजपा के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान करते हैं। यही भाजपा की जीत की कुंजी भी है।

अमीर जिलों में शामिल है गौतमबुद्ध नगर
असल में गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश का सबसे हाईटेक जिला है। दूसरे शब्दों में कहें तो गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश के यह राज्य के अमीर जिलों में शुमार है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे शहर होने की वजह से इस जिले का महत्व काफी अधिक है। ज्यादातर लोग गौतमबुद्ध नगर को नोएडा के नाम से ही जानते हैं। भाजपा इस सीट पर अपना स्वभाविक दावा करती है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि लोगों का मूड बदलते देर नहीं लगती है

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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