सुपरटेक बिल्डर की धोखाधड़ी पर सख्त हुए खरीदार, पुलिस अधिकारी से मिलकर लगाई ये गुहार
ग्रेटर नोएडा वेस्ट : बिल्डर सुपरटेक लिमिटेड की धोखाधड़ी के शिकार संकटग्रस्त घर खरीदारों के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से पुलिस मुख्यालय में मिले और बिल्डर के ख़िलाफ़ कार्यवाही के बारे में चर्चा की ।
ईकोविलेज सहित नौ परियोजनाओं के खरीदारों से आर के अरोड़ा ने की धोखाधड़ी
दिल्ली एनसीआर में सुपरटेक लिमिटेड के हजारों घर खरीदार पिछले दस साल से अपने घरो के इंतजार में दर दर भटक रहे हैं, ये हजारो घर खरीदार, राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच, रेरा, एनसीएलएटी, सुप्रीम कोर्ट, आर्थिक अपराध शाखा और पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले पांच साल से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। सभी घर खरीददार सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर के अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, जीएल खेरा, वाईजी एस्टेट के नीतीश अरोड़ा के सताए हुए हैं जो अपने घर का पूरा पैसा देने के बाद भी दस साल से बेघर है । जिन को घर मिल गए हैं वो आधी अधूरी बनी सोसायटी में अव्यवस्था का शिकार है।
14 साल से न्याय का इंतजार कर रहे है खरीदार
सुपरटेक की विभिन्न परियोजना जो 2010 से शुरू हुई थी अभी तक अधूरी है, इनके घर खरीदार चौतरफा परेशान है इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो घर की ईएमआई भी दे रहे हैं, किराया भी दे रहे हैं और इनकम टैक्स में ब्याज का फायदा भी नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि इनको घर का पजेशन नहीं मिला है ।
पुलिस अधिकारी से लगाई ये गुहार
सुपरटेक लिमिटेड के नौ प्रोजेक्ट जिसमें नोएडा के नॉर्थ आई , ईकोसिटी, रोमानो और केपटाउन , ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे के अपकंट्री और गुरुग्राम के हिलटाउन के बीस हजार से ज्यादा होम बायर के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से पुलिस मुख्यालय में मिले और सुपरटेक ग्रुप की संबंधित कंपनियों के बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को उनके संज्ञान में लाया गया।
ये है खरीदारों की परेशानी का मुख्य कारण
घर खरीदने वालों की चिंता का मुख्य कारण आईआरपी हितेश गोयल के द्वारा प्रस्तावित समाधान प्रस्ताव में सुपरटेक लिमिटेड के सभी परियोजना ( दिल्ली एनसीआर एवं अन्य ) के डेटा का योग देखा जाये तो इसमे लगभग नौ हजार करोड़ की बेमेल राशि है जिसका आईआरपी ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी उल्लेख नहीं किया है ।
पुलिस अधिकारी ने दिया आश्वासन
विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल ने होम बायर के प्रतिनिधियो को सूचित किया कि सुपरटेक के खिलाफ कुल 13 FIR हैं। उनमें से 8 मामले संबंधित अदालतों में विचाराधिन है। बाकी कुछ में विवेचना चल रही है और कुछ में आरोप पत्र जल्दी जारी होगी । उन्होंने आगे कहा कि होम बायर के प्रतिनिधि अगले सप्ताह तक सभी FIR और सभी अदालती मामलों की संदर्भ संख्या प्राप्त कर सकते हैं ।
ये है खरीदारों की अगली योजना
होम बायर के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई में आपराधिक शिकायत दर्ज करने के लिए व अन्य अदालती (एनसीएलएटी एवम् सुप्रीम कोर्ट) मामलों में सामूहिक रूप से हजारों घर खरीदारों के हित का ध्यान रखने एवम् प्रतिनिधित्व करने के लिए एक रूपरेखा बनाएंगे ।