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विवाद का पटाक्षेप : ग्रेनो वेस्ट की पंचशील हाईनिश में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला सुलझा, पकड़ा गया एओए अध्यक्ष का झूठ, जानिए क्या था मामला

ग्रेटर नोएडा वेस्ट (फेडरल भारत न्यूज) : पंचशील हाईनिश सोसाइटी के रजिडेंट्स की एकजुटता के सामने आखिरकार एसोसिएशन आफ अपार्टमेंट ऑनर्स (एओए) के पदाधिकारियों को झुकना पड़ा और बूम बैरियर को हटाना पड़ा। अब सोसाइटी के गेट नंबर दो पर सात वर्ष से चली आ रही व्यवस्था ही जारी रहेगी।

पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप
पंचशील हाईनिश सोसाइटी में पिछले एक माह से गेट नंबर दो पर बूम बैरियर लगाए जाने को लेकर रेजिडेंट्स और एओए के पदाधिकारियों के बीच खींचतान चल रही थी। रविवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया। उल्लेखनीय है कि सोसाइटी का गेट नंबर दो पिछले लगभग सात वर्ष से एंट्री और एक्जिड के लिए इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन एक माह पहले बूम बैरियर लगा दिया गया। जिससे रेजिडेंट्स सिर्फ सोसाइटी में एंट्री ही कर सकते थे।

एओए अध्यक्ष का दावा निकला झूठा
रविवार को यहां पुलिस पहुंची और बूम बैरियर के स्थान पर पुरानी व्यवस्था बहाल कराई। इस पर रेजिडेंट्स ने काफी खुशी व्यक्त की और इसके लिए पुलिस का आभार भी जताया। AOA अध्यक्ष अंजलि नेगी ने बूम बैरियर के इस्तेमाल के तरीक़ों का सारा ठीकरा बिल्डर पर फोड़ दिया, लेकिन उनकी बात बिल्डर से बातचीत के बाद ही झूठ निकली। मौके पर पहुंचे बिसरख थाने के दरोगा ने पंचशील बिल्डटेक प्रमुख अनुज चौधरी से बातचीत की। चौधरी ने कहा कि उनकी ओर से बूम बैरियर को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया। यह एओए की ओर से किया गया है। इसके बाद पुलिस ने पुरानी व्यवस्था ही बहाल करने को कहा।

एओए की मनमानी
लोगों को आरोप है कि एओए की मनमानी का खामियाजा यहां के रेडिडेंट्स को भुगतना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सर्विस रोड पर ऑफिस टाइम और स्कूल टाइम पर भारी दबाव होता है, कुछ सोच कर ही गेट नंबर दो बनाया गया है। गेट नंबर दो सोसाइटी का सबसे बड़ा गेट हैं।

क्या है बूम बैरियर
बूम बैरियर को एक स्वचालित रूप से नियंत्रित अथवा मैन्युअल गेट के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक निश्चित बिंदु पर टिका हुआ क्षैतिज बार से बना होता है। यह स्वचालित और यांत्रिक है, जो कुछ स्थानों पर आने-जाने वाले ट्रैफ़िक को नियंत्रित करता है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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