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ऊंची दुकान, फीके पकवान : ग्रेनो वेस्ट की ला रेजिडेंशिया में पानी की सप्लाई बंद होने से मचा हा-हाकार, बाल्टियों से ढोया पानी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट(फेडरल भारत नेटवर्क) : नोएडा, ग्रेटर नोएडा की हाईराइजिंग सोसाइटीज पर महंगी दुकान, फीके पकवान की कहावत एकदम चरितार्थ होती है। अब देखिए, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक में स्थित ला रेजिडेंशिया सोसाइटी के 1600 परिवार बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। हाल यह है कि टैंकर मंगाकर घरों में जैसे-तैसे पानी की आपूर्ति की जा रही है।

मोटर में खराबी की वजह से हुई दिक्कतें

ला रेजीडेंशिया डेवलपर प्रालि की इस सोसायटी में गुरुवार रात को मोटर में खराबी की वजह से पानी की सप्लाई बाधित है। घरों में पानी न आने की वजह से टैंकर के जरिये रेजिडेंट बाल्टियां भरकर फ्लैट तक लेकर जाने को मजबूर हो गए। शिकायत करने का भी किसी पर कोई असर नहीं हुआ। लिहाजा लोगों ने बाहर से टैंकर मंगवाया और बाल्टियों में भरकर अपने फ्लैटों में लेजाकर जैसे-तैसे नित्यकर्मों से फारिग हुए।

लोग बोले, कौन करेगा सुनवाई

अभिषेक चौहान नामक एक यूजर ने एक्स पर सोसाइटी में पानी भरते लोगों की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा है कि फिर पानी की मोटर खराब, 1600 से अधिक परिवार परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह के अंतराल में 4-5 बार पानी की संकट खड़ा हुआ है। क्या कोई सुनने वाला है। सिद्धार्थ अग्रवाल ने भी इस व्यथा को अपने एक्स अकाउं पर साझा किया है। ला रेजिडंशिया सोसाइटी के एक ग्रुप ने भी तस्वीरें साझा करते हुए अपनी पीड़ा को व्यक्त् किया है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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