बड़े नेटवर्क का खुलासा : हिंदुस्तानी नाम रखकर साइबर क्राइम करने वाले तिब्बती नागरिक को एसटीएफ ने दबोचा, 4 करोड़ का कर चुका ट्रांजेक्शन
नोएडा(फेडरल भारत नेटवर्क): विदेशी नागरिकों को भारतीय खाते उपलब्ध कराकर गेमिंग एव और अन्य फ्रांड के माध्यम से भारतीयों के खाते में पैसा जमा कराने के बड़े नेटवर्क को पुलिस ने क्रेक किया है। इस संबंध में नोएडा STF ने नेटवर्क का संचालन करने वाले तिब्बती नागरिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। वह फर्जी नाम से पासपोर्ट हासिल करके साइबर क्राइम को अंजाम दे रहा था।
दिल्ली के द्विरका में रह रहा था ठग
एसटीएफ के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तिब्बती नागरिक का नाम छीन्जो थारचिंन था, जो फिलहाल नई दिल्ली द्विरका के एलआइजी फ्लैट में रह रहा था। उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नाम चंद्रा ठाकुर के नाम से फर्जी पासपोर्ट हासिल किया और दिल्ली में रहकर लोगों से ठगी करने की घटनाओं को अंजाम देता रहा। उसके पास से पासपोर्ट, फर्जी वोचर आइडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, कम्बोडियाई सिम कार्ड औरमोबाइल बरामद किया है। आरोपी के चीन और मलेशिया जैसे देशों में बैठे ठगों से ताल्लुक़ हैं
चार करोड़ से अधिक का किया ट्रांज़ेक्शन
आरोपी छीन्जों उर्फ चंद्रा ठाकुर अब तक साइबर ठगी से 4 करोड़ से अधिक का ट्रांज़ेक्शन कर चुका है। पुलिस ने अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर बताया कि चंदन ठाकुर भारतीयों के बैंक खाते विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराता था। वह अधिकतर फर्जी दस्तावेज पश्चिम बंगाल में तैयार कराता था।
कैसे हुए खुलासा
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स(STF) को लगातार विदेशी नागरिकों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करके भारतीय नागरिकता के दस्तावेज तैयार करके ठगी की शिकायतें मिल रही थीं। इस आधार पर एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा के निर्देशन में टीम का गठन किया गया। एसटीएफ की नोएडा यूनिट के तेजतर्रार इंस्पेक्टर सचिन कुमार को अपराधियों को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। छानबीन के दौरान पता चला कि तिब्बती नागरिक जो अपना नाम चन्द्रा ठाकुर रखकर साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पता चला कि जब वह महज 14 वर्ष का था, भागकर लासा तिब्बत आ गया। जहां से 50-60 लोगों के ग्रुप के साथ नेपाल पहुंचा और लगभग तीन माह तक काठमांडू के रिफ्यूजी सेंटर में व्यतीत किए। वहां से दिल्ली के बुद्ध विहार स्थित रिफ्यूजी सेंटर में आकर रहने लगा। फिर हिमाचल प्रदेश के वीर बिलिंग में पढ़ाई की। तीन वर्ष पढाई के बाद दिल्ली आ गया।
दिल्ली और धर्मशाला के रेस्टोरेंट में किया काम
छीन्जो उर्फ चंद्रा ठाकुर ने लगभग चार वर्ष तक हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और दिल्ली के कई होटल व रेस्टोरेंट में नौकरी की। वर्ष 2008 में दिल्ली के मजनूं के टीला पर आकर रहने लगा। इसके बाद वह नेपाल से चाइनीज माल लाकर दिल्ली में बेचने लगा। फेसबुक फ्रेंड के जरिए यह दार्जिलिंग पहुंचा और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चन्द्रा ठाकुर के नाम से पासपोर्ट बनवाकर चीन, मलेशिया, थाइलैंड, दुबई की यात्राएं कीं। इस दौरान उसकी ली नामक चीन नागरिक से मुलाकात हुई और फिर नेटबैंकिंग के माध्यम से साइबर क्राइम का गोरखधंधा शुरू कर दिया। इस दौरान उसने भारतीयों के खाते क्रय करके विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराए।