लोक अदालत में एक लाख से अधिक वादों का हुआ निस्तारण
लोक अदालत में न्यायिक व राजस्व अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग
नोएडा। यहां आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख छह हजार 640 वादों का निस्तारण हुआ। लोक अदालत शनिवार को आयोजित की गई थी। लोक अदालत में न्यायिक व राजस्व अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन गौतमबुद्ध नगर जिला मुख्यालय और तहसील स्तर पर जिला न्यायाधीश अशोक कुमार-सप्तम की अध्यक्षता एवं दिशा-निर्देशन में आयोजित किया गया था। लोक अदालत में जिला न्यायालय में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों ने 34 हजार 363 वाद तथा राजस्व न्यायालयों द्वारा 36 हजार 442 वाद तथा प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंक, बीएसएनएल, एनपीसीएल, यातायात व परिवहन आदि विभागों द्वारा 35 हजार 835 मामलों का निस्तारण किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जयहिंद कुमार सिंह ने न्यायालयवार प्राप्त विवरण के अनुसार बताया कि जिला जज अशोक कुमार-सप्तम द्वारा तीन वादों का निस्तारण किया गया। आईपीएस जोश, पीठासीन अधिकारी वाणिज्य न्यायालय द्वारा 28 वाद व समझौता धनराशि दो करोड़ 46 लाख 91 हजार 793 रुपये, अशोक कुमार सिंह, पीठासीन अधिकारी मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 70 वाद व समझौता धनराशि चार करोड़ चार लाख 30 हजार 122 रुपये, मंजीत कुमार श्यौराण प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा 56 वाद, वेद प्रकाश वर्मा, अपर जिला जज प्रथम द्वारा एक वाद, दिनेश सिंह अपर जिला जज द्वितीय/विशेष न्यायाधीश/एससी/एसटी एक्ट द्वारा तीन वाद व जुर्माना एक हजार पांच सौ रुपये, ज्योत्सना सिंह, अपर जिला जज चतुर्थ द्वारा 606 वाद व जुर्माना धनराशि 89 लाख 77 हजार 697, मोना पंवार, अपर जिला जज पंचम द्वारा तीन वाद व जुर्माना धनराशि एक लाख 23 हजार 858 रुपये, निरंजन कुमार अपर जिला जज/पोक्सो कोर्ट प्रथम द्वारा एक वाद, शैला प्रधान न्यायाधीश अतिरिक्त परिवार न्यायालय द्वारा 46 वाद, मनेाज कुमार, अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश पोस्को द्वितीय द्वारा एक वाद व जुर्माना धनराशि 500 रुपये, डा. अनिल कुमार सिंह अपर जिला जज/एफटीसी प्रथम द्वारा दो वाद, राजीव कुमार वत्स अपर जिला जज/एफटीसी द्वितीय द्वारा एक वाद निस्तारित किया गया। इसी के साथ ही ऋचा उपाध्याय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 8 हजार 908 वाद एवं जुर्माना धनराशि 20 लाख 80 हजार 60 रुपये, सुशील कुमार सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) द्वारा 30 वाद व जारी उत्तराधिकार प्रमाण पत्रों की धनराशि 6 करोड़ 45 लाख 30 हजार 251 रुपये, डा0 सुरेश कुमार एसीजेएम प्रथम द्वारा दो हजार 140 वाद व जुर्माना धनराशि दो लाख 22 हजार 780 रुपये, विकास कुमार वर्मा एसीजेएम तृतीय द्वारा 4352 वाद, प्रदीप कुमार कुशवाहा एसीजेएम द्वितीय 4735 वाद व जुर्माना धनराशि दो लाख 84 हजार 990 रुपये, अवधेश कुमार सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग)/एफटीसी द्वारा 5224 वाद व जुर्माना धनराशि 78 हजार 830 रुपये, वंदना अग्रवाल, सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) 13 वाद, महिमा जैन सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग)/एफटीसी द्वितीय 25 वाद और जुर्माना धनराशि 1800 रुपये-, नितिका महाजन अपर सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) प्रथम व वर्चुअल कोर्ट द्वारा 4288 वाद व जुर्माना धनराशि 34 लाख 37 हजार रुपये, निमिषा गुप्ता सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) जेवर द्वारा 432 वाद व जुर्माना धनराशि 52 हजार 820 रुपये, हर्षिका रस्तोगी सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग)/एफटीसी द्वितीय द्वारा 3069 वाद व जुर्माना धनराशि 21 हजार 60 रुपये, विनोद कुमार अग्रवाल अतिरिक्त न्यायालय संख्या 3 द्वारा 326 वाद व समझौता धनराशि चार करोड़ 84 लाख रुपये वसूल किया गया।
इसी प्रकार जिलाद स्थित न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल 34 हजार 363 वादों का निस्तारण किया गया।
इनके अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार आदि विभागों से प्राप्त विवरण के अनुसार राजस्व के 36 हजार 442 वाद निस्तारित किए गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1,06,640/- मामलों का निस्तारण हुआ। जिसमें कुल समझौता धनराशि रु. 23,02,05,974/- है।