×
ब्रेकिंग न्यूज़लखनऊ

बिल्डर्स का गोरखधंधा : नोएडा में फ्लैट ट्रांसफर के नाम पर मोटी राशि वसूल रहे बिल्डर्स, सीएम से की शिकायत

नोएडा(मुकेश पंडित):

रुपये प्रति वर्ग फीट अर्थात 10 से 20 लाख रुपये तक अतिरिक्त वसूल कर रहे हैं। इस गोरखधंधों को लेकर नोएडा के सिटीजन फोरम ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को पत्र लिखा है और तत्काल रोक की मांग की है।
रजिस्ट्री न होने से बॉयर्स से वसूली
उल्लेखनीय है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों की संख्या में ऐसे फ्लैट हैं, जिनकी प्राधिकरण से रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। इसकी वजह भी बिल्डर्स है, जिन्होंने प्राधिकरण का बकाया जमा नहीं कराया, जबकि शासन स्तर पर रजिस्ट्री को लेकर सख्त आदेश दिए जा चुके हैं। इसका फायदा उठाकर बिल्डर्स मनमाने ढंग से फ्लैट खरीदारों का फायदा उठा रहे हैं।
1000 रुपये प्रति वर्ग फीट ट्रांसफर चार्जेज
सिटीजन फोरम के अध्यक्ष डा महेश कुमार अग्रवाल और सचिव गरिमा त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि जिन फ्लैट्स की अब तक रजिस्ट्री नहीं हुई है, उनके ट्रांसफर चार्जेज 100 रुपये प्रति वर्ग फीट निर्धारित किए जाएं, जबकि बिल्डर्स 800 से 1000 रुपये प्रति वर्ग फीट तक वसूल रहे हैं, जो सर्वथा अनुचित है। यह राशि फ्लैट की कीमत की लगभग 25 से पचास प्रतिशत तक है।
सिटीजन फोरम ने मनमानी रोकने की मांग
सिटीजन फोरम के चेयरमन उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव डा योगेंद्र नारायण सिंह है। पत्र की प्रतिलिपि दोनों प्राधिकरणों के सीईओ और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को भेजी गई है। सिटीजन फोरम ने अधिकारियों से तत्काल प्रभाव से बिल्डर्स की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है।
प्राधिकरण रजिस्ट्री के लिए दे चुका चेतावनी
उल्लेखनीय है कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर जारी शासनादेश से छूट पाने वाले जिन बिल्डरों ने अब तक कुल बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत जमा नहीं किया है, उन बिल्डरों को आवंटित भूखंडों का आवंटन रद्द करने और उनका प्रकरण आर्थिक अपराध शाखा को रेफर करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने खरीदारोंके नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री न करने वाले बिल्डरों को सख्त चेतावनी दी है।
प्राधिकरण कर चुका बिल्डरों से मीटिंग
प्राधिकरण ने लगभग 15 दिन पहले अमिताभ कांत पालिसी में रूचि न लेने वाले 32 प्रोजक्टों के बिल्डरों को बुलाकर उनके साथ मीटिंग भी है। प्राधिकरण का बिल्डरों पर लगभग 26 हजार करोड़ बकाया है। अब तक 5 बिल्डरों ने और पैसा जमा कराया है जबकि 5 बिल्डर्स ने कहा कि उनका सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। इन 10 के अलावा बाकी के 22 बिल्डरों पर अथॉरिटी अब सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।
लापरवाही पर आवंटन रद्द करने की चेतावनी
दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेजी से संपन्न कराई जाए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बिल्डर विभाग को बिल्डरों के साथ बैठक कर फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री के लिए जोर देने और लापरवाही करने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द करने के निर्देश दिए थे।
21 दिसंबर को हुआ था शासनदेश जारी
अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के आधार पर विगत साल 21 दिसंबर को शासनादेश जारी किया गया। इस शासनादेश का लाभ लेते हुए कुल 98 परियोजनाओं में से 13 बिल्डरों ने कुल बकाया धनराशि जमा करा दी और 58 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि (लगभग 505 करोड़) जमा करा दी है।
छह माह तक बिना बिलंब शुल्क के रजिस्ट्री
इस तरह कुल 71 बिल्डरों ने इस नीति का लाभ उठाया। इन 71 प्रोजेक्ट में 9558 फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण से अनुमति प्रदान की गई। जिसमें से 5 सितंबर तक 6624 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। इन बिल्डरों के साथ बैठक में एसीईओ ने शेष बचे फ्लैटों की रजिस्ट्री को शीघ्र संपन्न करने के निर्देश दिए हैं। रजिस्ट्री की अनुमति से 6 माह तक बिना विलंब शुल्क के रजिस्ट्री कराई जा सकती है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close