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दो वर्ष में ही नोएडा के पहले स्मॉग टॉवर की सांसें फूलीं, बंद हुआ टॉवर, भेल ने किया था तैयार

नोएडा (फेडरल भारत न्यूज): शहरी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की समस्या की समस्या से निपटने के लिए नोएडा में स्थापित किया गया पहला एंटी स्मॉग टॉवर दो साल के भीतर ही दम तोड़ गया। तीन करोड़ रुपये की लागत से इस टॉवर को सेक्टर 16 ए फिल्मसिटी में लगाया गया था। इस स्थान पर ट्रैफिक का सर्वाधिक दबाव रहता है।
केंद्रीय मंत्री ने किया था उद्घाटन
नोएडा विकास प्राधिकरण ने BHEL (भेल) के सहयोग से सेक्टर 16A फिल्म सिटी पर एंटी स्मॉग टॉवर लगवाया था। 17 सितंबर 2021 को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडे ने इस टॉवर का काफी धूमधाम के साथ उद्घाटन किया गया। नोएडा के सांसद, विधायक और अन्य लोग इसमें अतिथि के तौर सम्मिलित हुए थे।
पायलट परियोजना के तौर पर शुरू हुआ था टॉवर
तीन करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2 साल भी सही से नहीं चल पाया और बंद हो गया। इस एपीसीटी को बीएचईएल(भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड) ने नोएडा प्रशासन और प्राधिकरण के सहयोग से पायलट परियोजना के रूप में इसे शुरू किया था। वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (एपीसीटी) को स्वदेशी रूप से तैयार
एपीसीटी पूर्ण रूप से स्वदेशी और लागत भी कम
उस समय मंत्री ने दावा किया था कि यह एपीसीटी पूर्ण रूप से स्वदेशी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” अभियान को भी सफल बनाता है। इस उत्पाद की लागत कम है। विश्वास है कि बीएचईएल के इंजीनियर इस उत्पाद को बेहतर बनाने और इसकी लागत को और कम करने के लिए अधिक काम करेंगे ताकि जहां भी वायु प्रदूषण की समस्या है, वहां ऐसे कई टॉवर लगाए जा सकें। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेष रूप से सर्दियों में वायु प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त होता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक गिर जाता है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
50 फीसदी खर्च प्राधिकरण के जिम्मे था
नोएडा प्राधिकरण ने टॉवर स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध करवाई थी। साथ ही इसके परिचालन व्यय का 50 प्रतिशत वहन करने का दावा किया था। जबकि इसके डिजाइन, निर्माण, इरेक्शन एवं कमीशनिंग से संबंधित सभी विकासात्मक एवं पूंजीगत व्यय बीएचईएल ने किया था। इस परियोजना की सफलता के आधार पर, शहरी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ऐसे वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवरों (एपीसीटी) को व्यापक स्तर पर स्थापित किया जाना था।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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