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ग्रेनो वेस्ट की एसी डिविनो में धोखाधड़ी : पहले रेजिडेंट का विश्वास जीता फिर करोड़ों की धोखाधड़ी, पुलिस ने शुरु की जांच

ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Federal bharat news) : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एसी डिविनो सोसाइटी में रेजिडेंट के साथ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। रेजिडेंट का आरोप है कि अमित चोपड़ा नामक एक व्यक्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सोसाइटी के लोगों से करोड़ की रकम हड़प ली। यह मामला न केवल आर्थिक धोखाधड़ी का है, बल्कि इसमें धमकियों और मानसिक प्रताड़ना की भी गंभीर बात सामने आई है।
क्या है धोखाधड़ी का तरीका
रेजिडेंट का आरोप है कि अमित चोपड़ा ने बहुत ही चतुराई से पहले सोसाइटी में अपनी जगह बनाई और रेजिडेंट से घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। अमित ने सोसाइटी के विभिन्न कार्यक्रमों और खेलों में हिस्सा लिया, जिससे उसकी पहुंच लोगों तक बढ़ती गई। खासकर, उसने सोसाइटी की क्रिकेट टीम से जुड़कर और टीम का कप्तान बनकर निवासियों का विश्वास हासिल किया। कई लोग उसके स्वभाव और सामाजिक भागीदारी से प्रभावित हुए और इसी का फायदा उठाकर उसने अपनी योजना को अंजाम दिया। रेजिडेंट के अनुसार, अमित ने भरोसा जीतकर शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी जैसे उच्च जोखिम वाले निवेश योजनाओं में पैसे लगाने के लिए राजी किया। उसने इन निवेश योजनाओं में भारी मुनाफा कमाने का वादा किया, जिससे कई लोग आकर्षित हो गए। उसने लोगों से बड़ी मात्रा में निवेश करवाया और उन सभी को अत्यधिक लाभ देने का वादा किया। शुरुआत में सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन समय के साथ जब निवासियों ने अपना पैसा वापस मांगा, तो समस्या शुरू हो गई।
 रेजिडेंट को दी  जा रही हैं धमकियां
जब निवेशक अपना पैसा वापस मांगा  तो अमित ने ना केवल उन्हें उनका पैसा लौटाने से इंकार किया, बल्कि उन्हें धमकियां भी दीं। निवासियों का कहना है कि अमित ने फोन पर और व्यक्तिगत रूप से धमकियां दीं, जिसमें उनकी जान के खतरे की बात कही गई। इस तरह की धमकियों ने निवेशकों को डरा दिया और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। बिसरख पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर अब इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है।
अकेले नहीं था अमित चोपड़ा?
कुछ रेजिडेंट का मानना है कि अमित चोपड़ा इस धोखाधड़ी में अकेला नहीं था। निवासियों का कहना है कि सोसाइटी में अमित के करीबी कई लोग थे, जिन्होंने उसे इस धोखाधड़ी को अंजाम देने में मदद की। अमित ने सोसाइटी के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के जरिए कई निवासियों का भरोसा जीत लिया था। कई लोग उसकी गतिविधियों में शामिल थे और उसने अपने दोस्तों और परिचितों की मदद से ही इतनी बड़ी धोखाधड़ी को सफल बनाया। निवासियों की मांग है कि पुलिस को अमित के साथ-साथ उन लोगों की भी गहन जांच करनी चाहिए जो उसके करीबी थे और इस धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
फिलहाल, बिसरख पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। निवासियों का कहना है कि इस तरह की आर्थिक धोखाधड़ी और धमकियों से वे मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं, और वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रेजिडेंट ने की कारवाई की मांग
रेजिडेंट ने इस मामले में अमित चोपड़ा और उसके संभावित सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि सिर्फ अमित ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की भी जांच हो, जिन्होंने इस धोखाधड़ी में उसे समर्थन दिया। निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई इस उम्मीद में अमित को सौंपी थी कि उन्हें मुनाफा मिलेगा, लेकिन अब वे ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। इस घटना ने एसी डिविनो सोसाइटी के निवासियों के बीच डर और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है। अब वे चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की तेजी से जांच करे ताकि उन्हें न्याय मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हों।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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